सद्कार्यों के लिए दिए गए दान से मिलता है पुण्य-साध्वी :चंदनबाला

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संवाददाता भीलवाड़ा साधु-संत परमात्मा के संदेश वाहक है जो परमात्मा की वाणी आप तक पहुचा रहे है, जिनवाणी को जीवन में उतारकर व्यक्ति अपनी तकदीर बदल सकता है, शुभ कार्यो में दिए गए दान से परिवार में मानसिक शांति बनी रहती है एवं कर्मो की निर्जरा होती है उक्त विचार महासती जयमाला म.सा. की सुशिष्या साध्वी चंदनबाला ने महावीर भवन में धर्मसभा में व्यक्त किये।साध्वी ने कहा कि विवशता में किये गए दान का पुण्य पूरा नही मिलता है, दान अच्छी भावना के साथ करने से कई पीढ़ियों तक परिवार को पुण्य की प्राप्ति होती है। दान सदैव खुले मन से करना चाहिए उससे जो दुआ मिलती है वो दवा से कई गुणा अधिक होती है। साध्वी विनीतरूप प्रज्ञा ने कहा कि जिस तरह शरीर को भोजन की जरूरत होती है उसी तरह आत्मा को जिनवाणी की जरूरत रहती है। जिसकी जिनवाणी पर पूरी श्रद्धा होगी उसका जीवन सदैव मंगलमय होगा। दान कभी दिखा कर मत दो , दान सदैव गुप्त हो तो उससे परमात्मा भी खुश रहते है। परिवार में माता पिता की सेवा में कभी भी कोई भी कमी नही होनी चाहिए, हम जन्म लेते है उस समय माता-पिता पास में होते है, हमे भी उनके अंतिम समय मे उनके पास रहकर अच्छी सेवा करनी चाहिए।
साध्वी आनंद प्रभा , डॉ चन्द्र प्रभा ने तपस्या का महत्व बताते हुए कहा कि चातुर्मास काल मे अधिक से अधिक तप करके कर्मो की निर्जरा करे। कन्या मंडल ने धर्मसभा मे मधुर गीतिका प्रस्तुत की। महासती मंडल के दर्शन के लिये आये आगन्तुको का संघ अध्यक्ष चन्द्र सिंह चौधरी, उपाध्यक्ष भँवर लाल कांठेड़ ने स्वागत किया।

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