नई दिल्ली: 15 अगस्त के मौके पर भाषण बदले जाने पर माणिक सरकार ने विवाद खड़ा कर दिया। अब हाल ही बढ़ते तनाव को देखते हुए प्रसार भारती ने माना कि उसने ही त्रिपुरा के मुख्यमंत्री का भाषण बदला है। द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, प्रसार भारती ने सरकार को बताया था कि उन्हें अपने भाषण में से कौन-कौन सी ‘विवादित चीजें’ हटानी चाहिए। माणिक सरकार ने 15 अगस्त को ही आरोप लगाया था कि दूरदर्शन और आकाशवाणी ने उनका भाषण प्रसारित करने से मना कर दिया है।
अखबार के मुताबिक त्रिपुरा में वाम दलों की सत्ता के मुखिया माणिक सरकार ने अपने भाषण में केंद्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला था। हालांकि इसमें उन्होंने उसका नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा साफ था। उन्होंने कहा था, ‘देश में धर्मनिरपेक्षता की आत्मा पर हमला हो रहा है। समाज में भेद और जटिलता पेदा करने की षड्यंत्रकारी कोशिशें की जा रही हैं। देश को धर्म, जाति वर्ग के आधार पर बांटने की कोशिश की जा रही है। गौरक्षा के नाम पर उसे एक धर्म विशेष का देश बनाने का प्रयास हो रहा है।’
सरकार ने अपने भाषण में ‘अल्पसंख्यकों और दलित पर हो रहे हमलों’ का भी जिक्र किया था। उनका कहना था कि इन वर्गों में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। खबर के मुताबिक दूरदर्शन और आकाशवाणी ने सरकार का भाषण 14 अगस्त को रिकॉर्ड किया था। रिकॉर्डिंग के समय दूरदर्शन के प्रोटोकॉल अफसर यूके साहू भी मौजूद थे। उन्हें यह भाषण विवादित लगा तो उन्होंने सरकार से इसमें बदलाव का आग्रह किया। लेकिन उन्होंने जब इससे इंकार कर दिया तो दिल्ली में प्रसार भारती के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा के बाद इसे प्रसारित ही नहीं किया गया।
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