संवाददाता भीलवाड़ा। बनेड़ा उपखंड क्षेत्र मैं ग्राम पंचायत रूपाहेली खुर्द मैं रावला चौक मैं सात दिवसीय चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे अध्याय में पंडित बालमुकुंद आचार्य ने बताया कि श्रीमद् भागवत से सिर्फ यही नहीं बल्कि प्राणी मात्र का उद्धार संभव हैं भक्ति ज्ञान वैराग्य और मोक्ष संभव हैं भागवत महात्मा का विस्तृत वर्णन करते हुए कहा कि भागवत भगवान का स्वरूप माना गया है उन्होंने बताया कि भगवान विष्णु ने चतुश्चलोकी भागवत की रचना कर ब्राह्मण जी को जी तथा ब्राह्मण जी ने उसे अपने मानस पुत्र नारद को देते हुए संसार के लोगों को पाप से मुक्त दिलाने और संतों का समाधान करने की दृष्टि से सेवन करने का सुझाव दिया उन्होंने कहा कि भागवत भक्ति शास्त्र हैं तथा भक्ति का साधन भजन हैं आत्मज्ञान प्राप्त होने पर व्यक्ति में वैराग्य भाव जागृत हो जाता है जिसमें मुक्ति सहज संभव है उन्होंने कहा कि भागवत से प्रेत बाधा को भी मुक्ति किया जाता है इसी कारण गोकरर्ण से भागवत श्रवण कर धूधूंकारी दैत्य को मुक्ति मिल सके उन्होंने बताया कि महर्षि वेद व्यास ने सत्रह पुराणों की रचना के बाद भी संतुष्ट नहीं होने पर 18 पुराण के रूप में 18 हजार श्रलोकोयुक्त श्रीमद भागवत की रचनाकार व्यक्तियों को मोक्ष का दर्शन करवाएं भागवत कथा सुनने से हर प्राणी मात्र का उद्धार संभव है जैसे बहती हुई गंगा में स्नान करने से रोगी का रोग मुक्त हो जाता है वैसे ही भगवान कृष्ण ने चौथे अध्याय में बताया था कि जो भी श्रीमद् भागवत कथा का वर्णन एक शब्द भी प्राणियों के आत्मा में चला जाएगा तो उसका उद्धार संभव है भगत अज्ञानी हो अनपढ़ हो लेकिन हृदय का सच्चा और भगवान से प्रेम करता हो जो भगत कोई भी हो सकता है लेकिन झूठ जाल मोह माया को छोड़कर सिर्फ राम नाम नहीं भक्ति में लीन रहने वाले संसार में कहीं ऐसे महापुरुष थे जो भी अपनी भक्ति में अमर नाम कमाया पंडाल में पंडित बालमुकुंद आचार्य के मुखबिर से श्रीमद् भागवत कथा की वर्णन सुनते ही श्रद्धालुओं ने बड़े आनंद के साथ नृत्य किए राम नाम के जाब का प्यासे भक्तों ने पूरे पंडाल में तालियों की गूंज उठी और श्रीमद्भागवत गीता कथा का बड़े प्रेम के साथ आनंद लेते हुए दिखे।
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