राष्ट्र के सर्वांगीण विकास में राम नाम के प्रति समर्पण जरूरी-आचार्य रामदयाल

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संवाददाता भीलवाड़ा। अंतरास्ट्रीय श्री रामस्नेही संप्रदाय की मुख्य पीठ में गुरुवार को चातुर्मास के समापन की घोषणा हो गई। संप्रदाय के पीठाधीश्वर जगतगुरु आचार्य श्री स्वामी राम दयाल महाराज ने इस वर्ष चतुर्मास शाहपुरा पीठ पर किया। विजयदशमी के मौके पर रामनिवास धाम में आयोजित संक्षिप्त कार्यक्रम में चातुर्मास सेवा समिति शाहपुरा के तत्वावधान में स्थानीय राम भाइयों की ओर से रामद्वारा व आचार्य श्री की सेवा में चढ़ावा चढ़ाया गया। पूर्व राज्य मंत्री गोपाल केशावत ने भी आचार्य के दर्शन करके आशीर्वाद लिया।बारादरी में हुए प्रवचन कार्यक्रम में आचार्य श्री रामदयाल महाराज ने कहा कि कोरोना की विषम परिस्थितियों के चलते रामद्वारा की अपनी गाइडलाइन के कारण चातुर्मास के दौरान कोई भी बाधा उत्पन्न नहीं हुई। उन्होंने संपूर्ण विश्व के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए कहा कि विजय दशमी का पर्व हमें संदेश देता है कि राम नाम ही सब कुछ है। राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए राम नाम के प्रति अपना समर्पण बहुत जरूरी है। उन्होंने संप्रदाय के आध्या चार्य महाप्रभु रामचरण जी महाराज का स्मरण करते हुए कहा कि महाप्रभु ने इतने वर्षों पूर्व ही राम नाम शब्द की महिमा बताते हुए इसे तारक मंत्र बना दिया था। राम नाम तारक मंत्र ही आज हमें विश्व की समस्याओं का समाधान दिला सकता है।
इस दौरान शाहपुरा के राम भक्तों तथा भीलवाड़ा के राम भक्तों ने आचार्य श्री से दीपावली का पर्व शाहपुरा में मनाने का अनुरोध किया। रामस्नेही महिला मंडल की ओर से भजनों की आकर्षक प्रस्तुति दी गई। कोरोना गाइडलाइन के चलते कार्यक्रम में निर्धारित 200 से कम ही भक्तों को प्रवेश दिया गया।

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