भक्ति वही सार्थक, जिसमें स्वार्थ नहीं: पं.सिद्धांत

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संवाददाता भीलवाड़ा। कनेछन कलां मे माली परिवार की ओर से चामुंडा माता मंदिर परिसर मे चल रहे नानी बाई मायरा के कथावाचक पं.सिद्धांत त्रिपाठी ने कहा कि भगवान को पाने के लिए निष्काम भक्ति बहुत जरुरी है। वर्तमान में लोग प्रभु को केवल अपना कार्य पूरा कराने के लिए याद करते हैं। अपना कार्य पूरा होते ही प्रभु को भूल जाते हैं। भक्ति बिना स्वार्थ की होनी चाहिए। निस्वार्थ भक्ति से ही प्रभु की प्राप्ति संभव है। कहा कि आपका भगवान पर इतना अटूट विश्वास होना चाहिए कि आपका कोई भी कार्य हो प्रभु पर छोड़ दे और ये विश्वास रखें कि भगवान जो भी करेंगे अच्छा ही करेंगे। उसकी मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता है। भगवान को अपने वश में करने का मंत्र बताते हुए कहा कि प्रेम ही एकमात्र ऐसा जरिया है जिससे प्रभु को बड़े ही आसानी से पाया जा सकता है। इस अवसर पर ग्राम के सभी ग्रामीण उपस्थित थे।

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