श्रीकृष्ण और रुकमणी के विवाह की अमृत वर्षा का श्रद्धालुओं को रसपान कराया

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हनुमानगढ़। जंक्शन सैक्टर 12 स्थित गायत्री पार्क में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन पूज्य प्रशांत जी शास्त्री ने श्रीकृष्ण और रुकमणी के विवाह की अमृत वर्षा का श्रद्धालुओं को रसपान कराया। श्रीमद् भागवत कथा के दौरान बीच बीच में सुंदर-सुंदर झांकियां प्रस्तुत कीं। प्रशांत जी शास्त्री के मुख द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का छठे दिन सर्वप्रथम पंडित राधेश्याम आचार्य, पंडित उदय शर्मा ने संयुक्त रूप से श्रीमद् भागवत कथा की गणेश वंदना विधि विधान से शुभारंभ कराया। छठे दिन कथा प्रशांत जी शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य महारास लीला का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भगवान की महारास लीला इतनी दिव्य है कि स्वयं भोलेनाथ उनके बाल रूप के दर्शन करने के लिए गोकुल पहुंच गए। मथुरा गमन प्रसंग में अक्रूर जी भगवान को लेने आए।
जब भगवान श्रीकृष्ण मथुरा जाने लगे समस्त ब्रज की गोपियां भगवान कृष्ण के रथ के आगे खड़ी हो गईं। कहने लगी हे कन्हैया जब आपको हमें छोड़कर ही जाना था तो हम से प्रेम क्यों किया। गोपी उद्धव संवाद, श्री कृष्ण एवं रुकमणी विवाह उत्सव पर मनोहर झांकी प्रस्तुत की गई। इस मौके पर भजन आज मेरे श्याम की शादी है। मेरे घर श्याम की शादी का भजन प्रस्तुत किया। और भगवान श्री कृष्ण रुकमणी जी के समस्त श्रद्धालु भक्तजनों और ग्राम वासियों ने शादी में बारात निकाल कर वरमाला प्रोग्राम बड़ी धूमधाम से संपन्न कराया। यजमानों ने भगवान श्री कृष्ण और रुक्मणी जी के पैर धोकर पैर पकाड़ कर पूजा अर्चना करते हुए दान भेठ चढ़ा कर श्री कृष्ण भगवान की मंगला आरती गाकर विवाह संपन्न कराया। श्री भागवत कथा समारोह में अनेकों भक्तगण और संपूर्ण बस्ती के ग्रामवासी आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।

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