शाहपुरा शाहपुरा जिला मुख्यालय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में श्रवण की पूर्णिमा पर मनाया जाने वाला पर्व राखी का त्यौहार कर्ज में डूबा हुआ है शाहपुरा के बाजार सुनसान है एवं क्षेत्र में किसान बारिश नहीं होने की वजह से फसले सब चौपट हो चुकी है एवं इस बार का राखी का त्यौहार खुशी से नहीं बल्कि कर्ज लेकर मनाया जाएगा राखी के धागे को बांधने की कीमत चुकाने के लिए बैंक समितियां सेठ साहूकारों से अपनी जमीन गहने की जमानत पर कर्ज मिलेगा तो त्यौहार मनाया जाएगा।एक तरफ भगवान रूठा हुआ है दूसरी तरफ सरकार भी रूठ गई किसानों के मुआवजे के लिए तहसीलदार पटवारी बीमा की राशि के लिए फसल के खराबे के लिए जांच कमेटी गठित नहीं की है ना ही कोई आश्वासन मिला है अगर सरकार प्रशासन आश्वासन भी दे देती तो मायूस किसानों के चेहरे पर शायद थोड़ी चमक देखने को मिल जाती।
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