श्रीमद्भागवत कथा में श्रीकृष्ण जन्म की कथा का वर्णन, संजीवन झांकी

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हनुमानगढ़। श्रीकृष्ण गौशाला समिति रोड़ावाली में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन बुधवार को कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। जैसे ही कंस की जेल में कृष्ण ने जन्म लिया, सारा पांडाल जयकारों से गूंज उठा। कथावाचक शंकरदास जी महाराज ने जेल में जन्म लियो प्रभुजी थाने, जेल में जन्म लियो… भजन प्रस्तुत किया तो श्रद्धालु झूमने लगे। कृष्ण जन्म पर पुष्प वर्षा की गई और थाली बजा आतिशबाजी की गई। इससे पहले कथावाचक ने कहा कि दानवेंद्र राजा बलि ने भगवान को अपना द्वारपाल बनाकर रखा तो लक्ष्मी ने राजा बलि को भाई बनाया। उसके राज्य में चारों ओर धन-दौलत, सुख-समृद्धि का साम्राज्य व्याप्त हो गया। इसी प्रकार यदि हम नारायण की सेवा में रहते हुए न्याय, सत्य व सद्मार्ग पर चलेंगे तो यह निश्चय मानिए कि हमारा घर-परिवार भी फलेगा-फूलेगा। घर में हमेशा सुख-शांति और लक्ष्मी का बास होगा। आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि कथा का समापन 4 मार्च को हवनयज्ञ के साथ होगा। उन्होने बताया कि कथा के तहत सुबह 5 से 7 बजे तक नित्य प्रार्थना, प्रभात फेरी व प्रवचन कार्यक्रम व 07ः30 बजे से 9ः30 बजे तक नानी बाई रो मायरो, 11ः15 से 3ः15 बजे तक श्रीमद्भागवत कथा  का आयोजन होता है।

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