गंदे पानी को नहर में डालने से रोकने की मांग

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हनुमानगढ़। शुक्रवार को गांव रणजीतपुरा के ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मोहनमगरिया ग्राम पंचायत द्वारा रणजीतपुरा माईनर में गंदा पानी डालने की योजना पर तत्काल रोक लगाने की अपील की। ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि मोहनमगरिया ग्राम पंचायत द्वारा रणजीतपुरा माईनर में सेम और जोहड़ का गंदा पानी डालने के लिए पाइपलाइन डाली जा रही है, जोकि ग्रामीणों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है।

ज्ञापन में ग्रामीण लुणाराम पूनिया ने बताया कि रणजीतपुरा माईनर नौरंगदेसर वितरिका की शाखा है, जो मोहनमगरिया गांव से निकलती है। मोहनमगरिया ग्राम पंचायत की योजना के अनुसार, खेतों में खड़ा सेम और गांव के जोहड़ का गंदा पानी पाइपलाइन के जरिए इस माईनर में डाला जाएगा। यह योजना पहले ही चक 7 आरपी मोचा के पाल और पीछे दो स्थानों तक पाइपलाइन डालने का काम पूरा कर चुकी है, जबकि अब पानी नहर में डालने की प्रक्रिया शेष है।

ग्रामीणों का कहना है कि रणजीतपुरा माईनर से सीधे तौर पर रणजीतपुरा के दो वाटर वर्क्स को पानी की आपूर्ति होती है, और इसके बाद यह पानी करीब 100 ढालियों में स्थित डिग्गीयों तक पहुंचता है, जहां से लाखों लोग पीने के पानी का इस्तेमाल करते हैं। यदि इस पाइपलाइन के जरिये गंदा पानी नहर में डाला जाता है, तो यह पानी सीधे तौर पर इन जल स्रोतों में मिल जाएगा, जिससे वहां रहने वाले लोगों और उनके पशुओं में गंभीर बीमारियों का खतरा उत्पन्न हो सकता है।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मोहनमगरिया ग्राम पंचायत ने इस योजना को लागू करने से पहले न तो सिंचाई विभाग से अनुमति ली है, और न ही रणजीतपुरा ग्राम पंचायत से कोई परामर्श किया है। ग्राम पंचायत मोहनमगरिया ने बिना किसी अनापत्ति प्रमाणपत्र के यह पाइपलाइन डाल दी है, जिससे गंदा पानी नहर में डालने की योजना पर रोक लगाना अत्यंत आवश्यक हो गया है।

ज्ञापन में यह भी कहा गया कि यदि इस गंदे पानी को नहर में डालने की अनुमति दी जाती है, तो इसके परिणामस्वरूप रणजीतपुरा और आसपास के क्षेत्रों में महामारी फैलने की संभावना है, जिससे हजारों लोग और उनके पशु बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। इसके साथ ही, इससे पर्यावरणीय संकट और जलवायु प्रदूषण भी बढ़ सकता है।

ग्रामीणों ने कलेक्टर से अपील की है कि वे तत्काल हस्तक्षेप करें और मोहनमगरिया ग्राम पंचायत द्वारा बनाई जा रही पाइपलाइन योजना को रोका जाए, ताकि रणजीतपुरा और आसपास के ग्रामीणों को गंदे पानी के खतरे से बचाया जा सके। साथ ही, उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि इस मामले में उचित जांच की जाए और संबंधित विभागों से इस योजना की स्वीकृति और अनुमतियों को पुनः समीक्षा किया जाए।

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