प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र की भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही को निरस्त करवाने की मांग

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हनुमानगढ़।गांव कोहला के चक 14 एसएसडब्ल्यू में प्रस्तावित नवीन कोहला औद्योगिक क्षेत्र (रीको) की भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही को निरस्त करने की मांग को लेकर सम्बन्धित क्षेत्र के काश्तकारों ने बुधवार जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।प्रतिनिधि मंडल में शामिल महेंद्र बिजारणिया ने बताया कि टाउन के पास स्थित चक 14 एसएसडब्ल्यू में प्रस्तावित नवीन कोहला औद्योगिक क्षेत्र के लिए 434 बीघा भूमि अधिगृहण की कार्यवाही अगस्त 2009 में शुरू हुई थी जिसका अंतिम अवार्ड 05-7-2012 को जारी हुआ था कृषि भूमि के भाव उस समय ल कृषको को बहुत ही कम दिये गये थे जिसके परिणाम स्वरूप पिछले 13 वर्षों से भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही विवाद में है।उन्होंने बताया कि भूमि का भौतिक कब्जा अभी तक किसानो के पास है अधिग्रहण की कार्यवाही के लंबित रहते हुए किसान ना समुचित पैदावार ले सके ना ही जमीन का विकास कर सके ओर बेचान के अधिकार से भी वंचित रहे है।
उन्होंने बताया कि प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र के मध्य में से न्यू फतेहगढ़ माईनर नहर का निर्माण हो चुका है जिससे उक्त जमीन सिंचित श्रेणी में आ गई है। औद्योगिक क्षेत्र के मध्य में से भारत माला सड़क का निर्माण प्रगति पर है तथा भारतमाला का ट्रासपोटेशन हब इस भूमि में प्रस्तावित है जिसका अवार्ड औद्योगिक क्षेत्र के अवार्ड के उपर जारी हो चुका है तथा औद्योगिक क्षेत्र कोहला से सम्बंधित किसानो ने भारत माला सड़क का मुआवजा भी ले लिया है।जंक्शन में 88 पहले से स्थित औद्योगिक क्षेत्र  फेस 1 व 2 में औद्योगिक प्लाट अभी भी खाली पड़े हुए है ज्यादातर प्लाटो में औद्योगिक ईकाईयो की जगह गोदाम बने हुए है औद्योगिक ईकाईयो के लिए कोई भी प्रार्थना पत्र भी लंबित नहीं है इसलिए नये प्रस्तावित कोहला औद्योगिक क्षेत्र का औचित्य ही नहीं है। राजस्थान पोल्युशन कन्ट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार प्रस्तावित कोहला औद्योगिक क्षेत्र प्रदूषण काअसर हवा के बहाव के अनुसार हनुमानगढ़ शहर की आबादी पर पड़ेगा। 14 एसएसब्ल्यू को राज्य सरकार की अधिसूचना के अनुसार नगरीय क्षेत्र में शामिल कर लिया गया है।
ज्ञापन में उपरोक्त वर्णित तथ्यों की सत्यता के लिए कमेटी गठित करते हुए जांच करवाकर पिछले 13 वर्षों से विवादित प्रस्तावित नवीन कोहला औद्योगिक क्षेत्र को भूमिअधिगृहण अधिनियम 1894 की धारा 48 के तहत राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजकर भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही को निरस्त करवाने की मांग की गई है।प्रतिनिधि मंडल में महेंद्र बिजारणिया,सुखचैन सिंह गिल,रामप्रताप सोनी,ओमप्रकाश सुथार,अंग्रेज सिंह बराड़ आदि काश्तकार शामिल थे।

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