हनुमानगढ। शहरी मनरेगा श्रमिकों ने मंगलवार को जिला कलैक्ट्रैट पर प्रदर्शन किया और नगर परिषद प्रशासक तथा अतिरिक्त जिला कलक्टर उम्मेदीलाल मीणा को मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारन्टी योजना की विभिन्न समस्याओं के निराकरण हेतु ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में श्रमिकों ने शहरी रोजगार गारन्टी योजना से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने की मांग की। ज्ञापन में बताया गया कि सितंबर 2022 में तत्कालीन सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी अधिनियम (मनरेगा) की तर्ज पर शहरी क्षेत्रों के जरूरतमंदों और बेरोजगारों के लिए 100 दिन का निश्चित रोजगार देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारन्टी योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत जरूरतमंद परिवार जनाधार के आधार पर जॉब कार्ड बनवाकर रोजगार प्राप्त करते हैं। हनुमानगढ़ शहर में भी यह योजना लागू है, लेकिन इस योजना से जुड़े श्रमिकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। श्रमिकों ने अपनी शिकायत में बताया कि कार्यस्थल पर सुविधाओं का अभाव है। उन्हें न तो छाया का उचित प्रबंध मिलता है, और न ही कार्य स्थल पर दवाइयों आदि का इंतजाम किया जाता है। इसके अलावा मजदूरी भी समय पर नहीं मिल रही है, जिससे श्रमिकों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। श्रमिकों की मुख्य मांगों में हनुमानगढ़ में मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारन्टी योजना के तहत कार्य शीघ्र शुरू किया जाए, योजना से जुड़े सभी मजदूरों को 100 दिनों का निश्चित रोजगार उपलब्ध कराया जाए, कार्यस्थल पर पानी, छाया, दवाईयां और अन्य सुविधाओं का प्रबंध किया जाए, पहले से कार्य कर चुके मजदूरों की बकाया राशि तत्काल दिलवाई जाए, शहरी रोजगार गारन्टी योजना की मजदूरी 600 रुपये प्रति दिन की जाए, श्रमिकों को उनके घर की दूरी के हिसाब से कार्य दिया जाए, सप्ताहिक अवकाश गुरुवार को निर्धारित किया जाए, भूमिहीनों को जमीन दी जाए।
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