शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ ने अफरातफरी का माहौल पैदा कर दिया। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर पड़े, दम घुटने और कुचलने से 18 लोगों की मौत हो गई, जिनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं। 25 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल (LNJP) ने मौत की पुष्टि की है।
रेलवे प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, पुलिस का कहना है कि वे सीसीटीवी फुटेज खंगालकर असली वजह पता लगा रहे हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये और घायलों को 2 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है।
बता दें, इससे पहले 29 जनवरी को प्रयागराज के महाकुंभ में 30 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 10 फरवरी 2013 को कुंभ के दौरान प्रयागराज स्टेशन पर भगदड़ मची थी। हादसे में 36 लोग मारे गए थे। हालांकि कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये आकंड़ा ज्यादा था लेकिन सरकार ने बताया नहीं।
कोई भी ट्रेन रद्द नहीं, यात्री सीढ़ियों पर फिसले
वहीं, रेलवे अधिकारी बोले- सीढ़ियों पर यात्री फिसले, जिससे हादसा हुआ नॉर्थ रेलवे के अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने कहा- कल जब यह दुखद घटना घटी, उस समय पटना की ओर जाने वाली मगध एक्सप्रेस नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 14 पर खड़ी थी, और जम्मू की ओर जाने वाली उत्तर संपर्क क्रांति प्लेटफार्म नंबर 15 पर खड़ी थी। इस दौरान प्लेटफार्म 14-15 की ओर आ रहा एक यात्री सीढ़ियों पर फिसलकर गिर गया, और उसके पीछे खड़े कई यात्री इसकी चपेट में आ गए, और यह दुखद घटना घटी। कोई भी ट्रेन रद्द नहीं की गई, न ही प्लेटफार्म में कोई बदलाव किया गया। घटना की जांच की जा रही है।
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कैसे मची भगदड़?
घटना प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर हुई, जहां प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों के लिए भारी संख्या में यात्री जमा हो गए थे। महाकुंभ में शामिल होने के लिए हजारों श्रद्धालु स्टेशन पर मौजूद थे। इसी बीच जब अचानक ट्रेन रद्द होने की घोषणा हुई, तो लोग बेकाबू हो गए। किसी ने चिल्लाकर कहा कि ट्रेन छूट रही है, और तभी धक्का-मुक्की शुरू हो गई। लोग गिरे और देखते ही देखते हालात बेकाबू हो गए।
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ये भी हैं 3 कारण
- प्रयागराज स्पेशल ट्रेन, भुवनेश्वर राजधानी और स्वतंत्रता सेनानी एक्स. तीनों ही प्रयागराज जाने वाले थीं। दो ट्रेनें भुवनेश्वर राजधानी और स्वतंत्रता सेनानी लेट थीं। इन तीनों ट्रेनों की भीड़ प्लेटफॉर्म-14 पर थी। जब प्रयागराज स्पेशल ट्रेन यहां पहुंची, तभी अनाउंस हुआ कि भुवनेश्वर राजधानी प्लेटफॉर्म नं. 16 पर आ रही है। सुनते ही 14 पर मौजूद भीड़ 16 की तरफ भागी।
- कई लोग टिकट काउंटर पर थे। इनमें 90% प्रयागराज जाने वाले थे। अचानक ट्रेन आने का अनाउंसमेंट हुआ तो लोग बिना टिकट प्लेटफार्म की तरफ भागे। इससे भगदड़ मची।
- दो वीकेंड से कुंभ जाने वालों की भीड़ हो रही थी, पर स्टेशन प्रशासन ने कोई कंट्रोल रूम नहीं बनाया। शनिवार को भी शाम 7 बजे से भीड़ बढ़ने लगी थी, पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। यहां क्लिक करें- ब्रेकिंग न्यूज़ पाने के लिए हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें
क्या बोले रेलवे के वेंडर और कुली
भगदड़ रात करीब 9:30 बजे शुरू हुई। जब प्लेटफॉर्म नंबर 13 पर मौजूद लोगों ने प्लेटफॉर्म 14 और 15 पर ट्रेनें देखीं, तो वे इन प्लेटफॉर्म की ओर बढ़ गए। ट्रेनों के प्लेटफॉर्म नहीं बदले गए, लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा थी कि उसे कंट्रोल नहीं किया जा सका।
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चश्मदीदों के मुताबिक, भीड़ हद से ज्यादा थी, लोग फुट ओवरब्रिज पर इकट्ठा थे… इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद नहीं थी। मैंने कभी भी त्योहारों में भी रेलवे स्टेशन पर इतनी भीड़ नहीं देखी। प्रशासन के लोग और एनडीआरएफ के जवान भी मौके पर मौजूद थे, लेकिन जब भीड़ हद से ज्यादा बढ़ गई, तो इसे संभालना मुश्किल हो गया।
वहीं एक कुली ने मीडिया को बताया कि वह 40 साल से ज्यादा यहां रेलवे स्टेशन पर कुली का काम कर रहे हैं ऐसी भीड़ कभी नहीं देखी।
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प्रशासन पर उठे सवाल
शुरुआत में नॉर्दर्न रेलवे के CPRO (चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर) ने भगदड़ की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि कोई यह सिर्फ अफवाह है।
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