2017 की झलकियां: इन 18 हस्तियों ने इस साल दुनिया को कहा अलविदा

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बीता हुआ साल वापस नहीं आता लेकिन अपनी कुछ यादें छोड़ जाता है. इसी तरह कुछ ऐसी हस्तियां जो दुनिया से चली जाती हैं लेकिन उनके किरदार को दुनिया याद रखती है। आइए जानतें हैं ऐसी शख्सियतों के बारे में जो 2017 में दुनिया को अलविदा कह गई…

शशि कपूर

लंबे समय से किडनी की समस्या से जूझ रहे अभिनेता शशि कपूर का 4 दिसंबर को देहांत हो गया। कपूर 79 वर्ष के थे।उन्होंने सत्यम शिवम सुंदरम, दीवार, सुहाग जैसी बॉलीवुड की सफलतम फिल्मों में काम किया।

टॉम ऑल्टर

बॉलीवुड के मशहूर लेखक और अभिनेता टॉम ऑल्टर ने भी इस साल सितंबर में दुनिया को अलविदा कहा। कैंसर के चलते बीमार चल रहे ऑल्टर का निधन सितंबर में हुआ। वे एक खेल पत्रकार भी थे। 300 फिल्मों से अभिनय कर चुके ऑल्टर, छोटे पर्दे पर भी बेहद सक्रिय रहे।

रीमा लागू

रुपहले पर्दे पर सलमान खान की मां के किरदार से मशहूर हुई अभिनेत्री रीमा लागू का निधन इस साल मई में हो गया। उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। लागू न सिर्फ बड़े पर्दे पर बल्कि छोटे पर्दे और मराठी सिनेमा में भी काफी सक्रिय रहीं।

विनोद खन्ना

कैंसर के चलते मशहूर अभिनेता विनोद खन्ना का इस साल अप्रैल में निधन हो गया। वह 70 वर्ष के थे। उनके देहांत के ठीक कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर विनोद खन्ना की खराब अवस्था को दिखाती एक तस्वीर भी वायरल हुई थी।जिसके बाद काफी हाथ उनकी मदद के लिए उठे।

ओम पुरी

अपनी आवाज और अदाकारी के लिए मशहूर अभिनेता ओम पुरी का देहांत जनवरी 2017 को दिल का पड़ने से हो गया।ओम पुरी की उम्र 66 वर्ष थी। उन्होंने अर्धसत्य, गांधी, तमस, मकबूल जैसी फिल्मों में काम किया।

रॉबिन सेन गुप्ता-

मशहूर फोटो जर्नलिस्ट रॉबिन सेनगुप्ता का लंबी बीमारी के बाद त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में निधन हो गया था। सेनगुप्ता उन भारतीय पत्रकारों में शामिल थे, जिन्होंने 1971 के बांग्लादेश युद्ध का विस्तृत कवरेज किया था।

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रमेशचंद अग्रवाल-

दैनिक भास्कर समाचार पत्र समूह के चेयरमैन श्री रमेशचंद अग्रवाल का अहमदाबाद हवाई अड्डे पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।

गौरी लंकेश-

सोशल एक्‍ट‍िविस्‍ट, पत्रकार गौरी लंकेश की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई। वह बेंगलुरु की रहने वाली थीं। कन्‍नड़ साप्‍ताहिक अखबार ‘लंकेश पत्रिके’ की वह संपादक थी। गौरी लंकेश पर शुरू से ही नक्‍सल समर्थक एवं हिंदुत्‍व विरोधी होने के आरोप लगते रहे हैं।

सुरजीत सिंह बरनाला
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड के राज्यपाल रह चुके सुरजीत सिंह बरनाला का निधन जनवरी में हो गया, वह 91 वर्ष के थे। बता दें स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन्होंने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भी हिस्सा लिया था।

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अर्जन सिंह-
मार्शल ऑफ़ एयरफ़ोर्स अर्जन सिंह का 98 की उम्र में निधन हो गया। मार्शल ऑफ इंडियन एयरफोर्स अर्जन सिंह भारतीय एयरफोर्स के इतिहास में पहले प्रमुख थे, जिन्होंने पहली बार देश के किसी युद्ध में एयरफोर्स का नेतृत्व किया। 1 अगस्त 1964 को अर्जन सिंह एयर मार्शल की पदवी के साथ चीफ ऑफ एयर स्टाफ बनाए गए।

असीम बसु-
प्रसिद्ध थियेटर कलाकार, चित्रकार और लेखक असीम बसु का फेफड़े में संक्रमण के चलते इस साल फरवरी में निधन हो गया।

अल्तमस कबीर-
भारत के 39वें न्यायाधीश अल्तमस कबीर का एक लंबी बीमारी के चलते इस साल कोलकाता में निधन हो गया। उनके परिवार में पत्नी बेटा और एक बेटी है।

कीर्ति कुमारी-
इस साल राजस्थान में स्वाइन फ्लू से एक भाजपा विधायक कीर्ति कुमारी की मौत हो गई थी। बता दें कीर्ति भीलवाड़ा के मांडलगढ़ से विधायक थी।

सांवरलाल जाट-
अजमेर सांसद व किसान आयोग के अध्यक्ष सांवरलाल जाट की एक मीटिंग के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी।

ई. अहमद-
इस साल बजट सत्र के दौरान संसद में उन्हें दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। बता दें अहमद पहली बार वे 1991 में लोकसभा के लिए चुने गए थे। वो साल 2004 से 2009 के बीच विदेश राज्य मंत्री रह चुके हैं। अहमद इंडियन यूनियम मुस्लिम लीग के अध्यक्ष भी थे।

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तारक मेहता-
इस साल मार्च में लंबी बीमारी के बाद मशहूर लेखक तारक मेहता ने दुनिया को अलविदा कह दिया। लेखक, व्यंग्यकार और स्तंभकार तारक मेहता अपने हास्य लेखन के लिए जाने जाते थे। उनके लेखन का सफ़र 1971 में गुजराती और मराठी में निकलने वाली साप्ताहिक पत्रिका ‘चित्रलेखा’ से शुरू हुआ था। उन्होंने 80 किताबें लिखीं। ‘चित्रलेखा’ में वे ‘दुनिया ने ऊंधा चश्मा’ नाम से कॉलम लिखा करते थे। बाद में इसी कॉलमों को एक किताब की शक़्ल दी गई और अब एक टीवी सीरियल बना ‘तारक मेहता का उल्ला चश्मा’ जो इन दिनों दर्शकों का खूब मनोरंजन कर रहा है।

वेद प्रकाश शर्मा-
एक साल से फेकड़ो के संक्रमण से जूझते हुए इस साल फरवरी में जाने-माने उपन्यासकार वेद प्रकाश शर्मा ने अपनी अंतिम सांसे ली। 06 जून 1955 को जन्मे वेद प्रकाश ‘वर्दी वाला गुंडा’ नामक उपन्‍यास से मशहूर हुए थे। उन्होंने कुल 176 उपन्यास लिखे थे। उनका पहला उपन्यास था ‘दहकता शहर’ जो साल 1973 में प्रकाशित हुआ था।

सुल्तान अहमद-
4 सितंबर को कोलकाता में दिल का दौरा पड़ने से सुल्तान अहमद का निधन हो गया था। ये भारत सरकार की 15वीं लोकसभा के मंत्रीमंडल में पर्यटन राज्यमंत्री थे।

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