कोपर्डी कांड के तीनों आरोपियों को मिली फांसी, मराठी समुदाय खुश

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महाराष्ट्र: मुंबई के अहमद नगर कोपर्डी में नाबलिक से सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए तीनों दोषियों जितेंद्र बाबूलाल शिंदे, संतोष गोरख भवाळ और नितीन गोपीनाथ भैलुमे को फांसी की सजा सुनाई।

कोपर्डी उस वक्त सुर्खियों में आया था जब 13 जुलाई 2016 को 9वीं की छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला सामने आया था। बता दें इस घटना के बाद मराठा समाज सड़कों पर उतर आया था और कुछ ही दिनों के भीतर इस भींड ने एक विशाल आंदोलन का रूप ले लिया।

पहले से जानते थे परिवार-
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोप है कि दोनों परिवारों में पहले से दुश्मनी थी और आरोपी परिवार ने पीड़ित परिवार के खिलाफ एट्रोसिटी का मुकदमा दर्ज करने की धमकी भी दी थी। विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम के मुताबिक सुनवाई के दौरान आरोपियों के खिलाफ 31 गवाही के अलावा 24 परिस्थितिजन्य सबूत भी अदालत में पेश किए गए थे।

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लड़की मराठा और दोषी दलित-

खबरों के अनुसार, लड़की मराठा समाज से थी वहीं तीनों दोषी दलित समुदाय से। मराठाओं ने अपने आंदलोन का पहला मोर्चा औरंगाबाद से शुरू किया। उसमें मराठों ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम को खत्म करने की मांग की। बताया जा रहा है कि इस आंदोलन को खत्म करने पीछे नोटबंदी का सबसे बड़ा हाथ है।

बता दें आज सुबह 11 बजे से इस केस की सुनाई जारी हुई। कोर्ट के बाहर करीब 1000 सुरक्षाबलों को तैनात किया था। क्योंकि सेशन कोर्ट को पता था इस मामले पर लोगों की नजर है। सुरक्षा के इंतजामों पर निगरानी रखते हुए कोपर्डी और कर्जत में बंद का एलान किया गया । दोनों गांव में सुबह से सन्नाटा छाया हुआ है।

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