सरकारी अस्पताल की लापरवाही से दो मासूमों की मौत, जांच एवं सहायता की मांग

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हनुमानगढ़। जिले के गांव संपत नगर के दो मासूम बच्चों की मौत के मामले में परिजनों और ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों का आरोप है कि महात्मा गांधी राजकीय अस्पताल, हनुमानगढ़ टाउन में लापरवाही के कारण समय पर इलाज नहीं मिलने से दोनों बच्चों की मौत हो गई।
सरपंच प्रतिनिधि इकबाल खान एवं जिला परिषद डायरेक्टर मनीष मक्कासर ने ज्ञापन में बताया कि संपत नगर के निवासी राकेश कुमार के दो बच्चे—आरुषि (9) और विकास (10)—9 फरवरी 2025 को गंभीर अवस्था में महात्मा गांधी राजकीय अस्पताल में भर्ती कराए गए थे। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के कर्मचारियों ने गंभीर हालत में भी कोई उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई, जिससे स्थिति और बिगड़ती चली गई।
जब अस्पताल प्रशासन ने लापरवाही दिखाई, तो मजबूरी में बच्चों के पिता राकेश कुमार ने कर्ज लेकर विकास को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन वहां भी उसे बचाया नहीं जा सका। अंततः इलाज के अभाव में दोनों मासूमों ने दम तोड़ दिया।
परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों को किसी अज्ञात नए वायरस ने अपनी चपेट में लिया था, लेकिन सरकारी अस्पताल में समय पर न तो सही जांच हुई और न ही आवश्यक चिकित्सा उपलब्ध करवाई गई। यदि समय पर उचित उपचार मिल जाता, तो बच्चों की जान बचाई जा सकती थी।
इस घटना से पूरे गांव में शोक और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए और दोषी चिकित्साकर्मियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही, जिले में फैल रहे इस नए वायरस के बारे में व्यापक जांच कर आमजन को जागरूक किया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
ग्रामीणों ने सरकार से आपदा-विपदा फंड के तहत राकेश कुमार को आर्थिक सहायता देने की मांग भी की है, ताकि वह अपने परिवार का पालन-पोषण कर सके और कर्ज से उबर सके।

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