संवाददाता भीलवाड़ा। शाहपुरा में अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंर्तगत नई मुस्कान नशा मुक्ति केंद्र में नशा मुक्ति दिवस का आयोजन किया गया। ब्रकु. ईश्वरीय विश्वविद्यालय के शाहपुरा स्थित केंद्र प्रभारी ब्र.कु. संगीता बहन के मुख्य आतिथ्य में आयोजित नशा मुक्ति दिवस कार्यक्रम में मौजूद 30 जनों ने जीवन में नशे का उपयोग न करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में बतौर अतिथि के रूप में अणुव्रत समिति के अध्यक्ष तेजपाल उपाध्याय, सचिव गोपाल पंचोली, पार्षद राजेश सौंलकी, अणुव्रत समिति के पूर्व अध्यक्ष रामस्वरूप काबरा, संचिना कला संस्थान के अध्यक्ष रामप्रसाद पारीक, प्रेस क्लब महासचिव मूलचन्द पेसवानी, नई मुस्कान नशा मुक्ति केंद्र के संचालक रामेश्वरलाल पहाड़िया मौजूद रहे। इस दौरान संचिना कला संस्थान के अध्यक्ष रामप्रसाद पारीक ने नशे से टूट रहे परिवार व नशा मुक्ति के संभावित प्रयासों पर आधारित लघु नाटिका का मंचन भी किया। ब्रकु. ईश्वरीय विश्वविद्यालय के शाहपुरा स्थित केंद्र प्रभारी ब्र.कु. संगीता बहन ने नशा मुक्ति दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि नशे को नाश का द्वार कहा गया है। नशे के कारण आत्मा का नुकसान तो होता ही है, व्यवहारिक कठिनाई भी पैदा हो सकती है। यह सोचे कि आत्मा का उत्थान कैसे हो। नशा गर्त की ओर ले जाता है। नशा छोड़ने से संयम भी हो जाता है। कोई सारा नशा एक साथ नहीं छोड़ सकते हो तो एक-एक करके कदम बढ़ाए, मंजिल अपने आप मिल जाती हैं। उन्होंने केंद्र में मौजूद लोगों के नशे का त्याग करने का संकल्प लेने पर खुशी जाहिर करते हुए का कि उनको अब ब्रह्म ज्ञान के जरिये अध्यात्म से जुड़ना चाहिए। उन्होंने गलतियों की पुर्नरावृति न हो इसके लिए दृढ ईच्छा रखनी होगी। उन्होंने युवाओं को अपना संकल्प दृढ़ बनाये रखने के लिए छोटे छोटे टिप्स दिये।
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