अनुसूचित जातियों के खिलाफ 2021 में सबसे ज्यादा अपराध, टॉप तीन में राजस्थान भी

इन तीन राज्यों में अनुसूचित जातियों के खिलाफ होने वाले अपराध/अत्याचारों के कुल मामलों के 55 फीसदी यहीं दर्ज हुए हैं। केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए एनसीआरबी के हालिया आंकड़ों में ये बात निकलकर आई है। 

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अनुसूचित जाति के खिलाफ 2021 (scheduled castes Crime) में सबसे ज्यादा अत्याचार के मामले दर्ज किए गए हैं। उत्तर प्रदेश इन मामलों में सबसे आगे है। इसके बाद राजस्थान और मध्यप्रदेश दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। इसके बाद ओडिशा का नाम है। भारत में 2021 में 50,900 मामले दर्ज हुए हैं जो कि 2020 के मुकाबले में 1.2 प्रतिशत ज्यादा है।

इन तीन राज्यों में अनुसूचित जातियों के खिलाफ होने वाले अपराध/अत्याचारों के कुल मामलों के 55 फीसदी यहीं दर्ज हुए हैं। केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए एनसीआरबी के हालिया आंकड़ों में ये बात निकलकर आई है। अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराध को देखें तो मामलों में 6.4 फीसदी तेजी आई है जो कि संख्या के मामले में 8,802 है।

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अनुसूचित जातियों के खिलाफ अपराध/अत्याचारों के मामलों में शहरों में काफी तेजी आई है। वहीं अनुसूचित जातियों के खिलाफ अपराध के मामलों में 18.6 प्रतिशत तेजी आई है वहीं अनुसूचित जनजाति के मामले में 2021 में 19.5 प्रतिशत तेजी आई है।

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2019 और 2020 में एक भी मामले जम्मू-कश्मीर में दर्ज नहीं किए गए थे लेकिन 2021 में एसटी के खिलाफ एक मामला दर्ज हुआ है। एनसीआरबी रिपोर्ट के अनुसार, ‘अनुसूचित जातियों के खिलाफ 2021 में 30.4 प्रतिशत अपराध के मामले दर्ज हुए हैं। अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ भी इसी तरह का ट्रेंड है।’

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