हनुमानगढ़। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने शनिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर हनुमानगढ़ के राजकीय जिला चिकित्सालय में घुटना प्रत्यारोपण सुविधा अचानक बंद किए जाने पर कड़ा विरोध दर्ज कराया। पार्टी ने आरोप लगाया कि अस्पताल में वर्षों से सफलतापूर्वक किए जा रहे घुटना प्रत्यारोपण कार्य को “राजकीय गाइडलाइन NABH और मोडयूलर ओटी” के बहाने बिना ठोस कारण के बंद कर दिया गया है, जिससे जिले के सैकड़ों गरीब मरीजों को गंभीर असुविधा हो रही है। पत्र में कहा गया कि हनुमानगढ़ जिला अस्पताल में अब तक अनेक वृद्धजन और साधारण नागरिक सफल घुटना प्रत्यारोपण के जरिए नया जीवन पा चुके थे। निजी अस्पतालों में लाखों रुपये खर्च करने में असमर्थ गरीब जनता के लिए यह सुविधा संजीवनी के समान थी। संबंधित चिकित्सकों और अस्पताल स्टाफ की मेहनत से न केवल जिले में बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी इस राजकीय चिकित्सालय की सराहना होती थी। पार्टी ने आरोप लगाया कि मनमाने निर्णय से यह सुविधा छीनकर आम आदमी को निजी अस्पतालों की मंहगी चिकित्सा के हवाले कर दिया गया है। सवाल उठाया गया कि यदि एसएमएस अस्पताल, जयपुर को छोड़ दें तो राज्य के किसी भी अन्य सरकारी अस्पताल में NABH मानक के अनुरूप मोडयूलर ओटी नहीं है, फिर भी वहाँ इलाज जारी है। ऐसे में केवल हनुमानगढ़ में घुटना प्रत्यारोपण रोकने का औचित्य समझ से परे है।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी ने मांग की कि जिला अस्पताल में घुटना प्रत्यारोपण व्यवस्था तुरंत बहाल की जाए। साथ ही मानकों के अनुसार ओटी के निर्माण कार्य को तेजी से पूरा किया जाए। जब तक नया ओटी नहीं बनता, तब तक पूर्ववत व्यवस्था के अनुसार घुटना प्रत्यारोपण कार्य जारी रखा जाए। पार्टी ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही इस विषय में सकारात्मक कार्यवाही नहीं हुई तो व्यापक जन आंदोलन किया जाएगा।
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