इन सरकारी सुविधाओं को पाने के लिए लोगों ने दी 1 साल में 2800 करोड़ रूपये की घूस

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नई दिल्ली: देश में आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस जैसी सरकारी सुविधाओं को पाने के लिए पिछले 12 महीनों में 27% लोगों को रिश्वत देनी पड़ी है। हालात यह है कि देश के महज 13 राज्यों में 11 सरकारी सेवाओं को हासिल करने के लिए लोगों को करीब 2800 करोड़ रुपए की घूस देनी पड़ी।

इसमें अदालत में पसंद की तारीख पाने, पानी-बिजली का कनेक्शन लेने, ट्रैफिक रूल तोड़ने पर चालान से बचने, एफआईआर लिखवाने, जमीन-जायदाद के कागजात की कॉपी लेने और बैंक से लोन लेने जैसे कामों के लिए घूस देनी पड़ी। यह खुलासा सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस) की शुक्रवार को जारी 12वीं रिपोर्ट में हुआ है। इस साल फरवरी-मार्च में देश के 13 राज्यों में किए गए अध्ययन में 75% लोगों ने कहा कि देश में पिछले साल की तुलना में भ्रष्टाचार बढ़ा है या जस का तस है।

हालांकि नागरिक सक्रियता, आरटीआई, ऑनलाइन सुविधाओं और सोशल मीडिया के असर से 2005 की तुलना में 2018 में भ्रष्टाचार करीब 50% तक घटा है। 2005 में विभिन्न सेवाओं के लिए करीब 52% लोगों को घूस देनी पड़ी थी। मौजूदा रिपोर्ट में दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में सर्वे किया गया। इस दौरान राशन, पानी, बिजली, अस्पताल, स्कूल, बैंक सेवा, पुलिस, परिवहन, न्यायालय, राजस्व विभाग और मनरेगा (ग्रामीण इलाकों में) जैसी सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार का अध्ययन किया गया है।

राज्यों में तेलंगाना, विभागों में पुलिस-परिवहन सबसे भ्रष्ट
महज चार साल पहले अस्तित्व में आया तेलंगाना बीते साल सबसे भ्रष्ट राज्य रहा। चौंकाने वाली बात यह है कि तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे दक्षिणी राज्य भ्रष्टाचार या घूस लेने-देने के मामले में दिल्ली और बिहार से भी ज्यादा भ्रष्ट साबित हुए हैं।

राज्य घूस देने वाले
तेलंगाना 73%
तमिलनाडु 38%
कर्नाटक 36%
बिहार 35%
दिल्ली 29%

41% ने पुलिस-परिवहन अफसरों को खिलाई घूस
परिवहन 21%
पुलिस 20%
राजस्व 16%
अस्पताल 10%
आधार 7%

3% ने वोटर कार्ड के लिए घूस दी

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