हनुमानगढ़। टाउन में ज्ञानसिंह कॉलोनी स्थित जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में सोमवार को आयोजित श्रद्धांजलि सभा में मौजूद कांग्रेसजनों की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। डीसीसी अध्यक्ष सुरेन्द्र दादरी की अध्यक्षता में हुई श्रद्धांजलि सभा में सर्वप्रथम सभी कार्यकर्ताओं ने डॉ. मनमोहन सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित किए एवं दो मिनट का मौन रखा। डीसीसी अध्यक्ष सुरेन्द्र दादरी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन सादगी, सेवा और समर्पण की अद्भूत मिसाल था। वे भारत में आर्थिक सुधारों के जनक कहे जाते हैं। उनकी सुझाई नीतियों से ही आर्थिक सुधार के दरवाजे खुले थे।
उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी और देश को वैश्विक मंच पर मजबूत किया। डॉ. मनमोहन सिंह की आर्थिक नीतियों का ही कमाल था कि दो साल में ही यानी 1993 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1 अरब डॉलर से 10 अरब डॉलर हो गया। 1998 में यह 290 अरब डॉलर तक पहुंच गया था। प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए जिसने देश के विकास की नींव रखी। प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने सूचना क्रांति, मनरेगा, किसानों की कर्ज माफी और शिक्षा के अधिकार जैसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक कदम उठाए। देश ने एक सच्चे देशभक्त एवं महान अर्थशास्त्री को खो दिया। वे अपने महत्वपूर्ण योगदान एवं आर्थिक सुधार के कारण याद किए जाते रहेंगे। जिला प्रमुख कविता मेघवाल, पूर्व प्रधान दयाराम जाखड़ व पीसीसी सचिव मनीष मक्कासर ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अपनी शिक्षा पंजाब विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से प्राप्त की। अर्थशास्त्र के प्रोफेसर, वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार, योजना आयोग के उपाध्यक्ष और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में कार्य किया। वे प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री रहे।
उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कई आर्थिक सुधार किए। डॉ. सिंह को उनकी सेवाओं के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले। उन्हें 1987 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। 2002 में सर्वश्रेष्ठ सांसद के रूप में चुना गया। डॉ. मनमोहन सिंह एक महान अर्थशास्त्री और राजनेता थे, उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। पीसीसी सदस्य भूपेन्द्र चौधरी व एसी विभाग चेयरमैन रामेश्वर चांवरिया ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने कार्यकाल में भारत को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया। जब वैश्विक स्तर पर आर्थिक मंदी छाई हुई थी, तब उनके कुशल नेतृत्व ने भारत को इस संकट से बचाया। वे एक कुशल और विनम्र नेता थे। डॉ. मनमोहन सिंह की अमेरिका के साथ परमाणु करार की बड़ी उपलब्धि थी। उन्होंने भारत के विकास के लिए दूरगामी सोच के तहत कई कल्याणकारी नीतियां बनाकर लागू कीं। उनकी नेतृत्व क्षमता और देशहित में किए गए कार्यों से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए।
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