दिल्ली: 2014 की बड़ी हार के बाद ये सकेंत मिलने लगे कि सोमवार को कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और एके एंटनी ने राहुल की मौजूदगी में कहा कि समय आ गया है अब राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बन जाना चाहिए। जिसके बाद सभी नेताओं ने इसका समर्थन कर दिया। सर्वसम्मति से कार्यसमिति ने इसके लिए सिफारिश कर दी।
सूत्रों के मुताबिक, जब राहुल से अध्यक्ष बनने को कहा गया तो राहुल ने कहा कि मैं तैयार हूं, लेकिन किसी के मन में कोई रिजर्वेशन हो तो प्लीज मुझे बताएं। मैं वरिष्ठ और युवाओं के सामंजस्य के साथ चलना चाहता हूं। इस मुद्दे पर पार्टी के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि खुद राहुल गांधी भी हर चुनौती को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। लेकिन आधिकारिक तौर पर राहुल कब कमान संभालेंगे, इस पर सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक या फिर अधिवेशन बुलाकर राहुल को अध्यक्ष बनाया जाएगा, जिसकी एक प्रक्रिया है।
ये कल भी हो सकता है, दिसंबर में भी हो सकता है और अगले साल भी। यानी एक बार फिर तारीख सामने नहीं आ पाई। साथ ही कार्यसमिति ने प्रस्ताव पास कर चुनाव आयोग को भी भेज दिया कि पार्टी के संगठन के चुनाव के लिए उसको दोबारा एक साल का एक्सटेंशन चाहिए, यानी दिसंबर 2017 तक का वक्त।
बीमारी के सोनिया नहीं पहुंची बैठक में-
वैसे सूत्रों के मुताबिक, कार्यसमिति की बैठक में बीमारी के चलते सोनिया नहीं आईं। राहुल ने बैठक की अध्यक्षता की, जिसके बाद सभी ने ये सिफारिश कर दी। यानी सोनिया ने पार्टी के भीतर पुराने और नए के बीच की दोफाड़ को खत्म कर सबको राहुल के पीछे खड़े दिखाने की कोशिश की और वो भी अपनी अनुपस्थिति में। साथ ही सोनिया की कम से कम अपनी तरफ से ये संदेश देने की कोशिश भी रही कि वो राहुल को थोप नहीं रहीं। अब पार्टी के भीतर की कहानी तो किसी फिल्म से कम नहीं है लेकिन ऊपरी दिखावा जारी है।