संवाददाता भीलवाड़ा। देश के जाने माने मशहूर समाज सुधारक ,आर्य समाज के प्रबल प्रहरी,हरियाणा सरकार के पूर्व शिक्षामंत्री और मजदूरों,दलितों के मसीहा स्वामी अग्निवेश के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए अखिल राजस्थान अनुसूचित जाति जनजाति पिछङी जाति अधिकारी कर्मचारी सयुंक्त महासंघ के आयुष प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ जलदीप पथिक ने कहा कि स्वामी अग्निवेश के निधन से मजदूरों, दलितों,शोषितों एवं वंचितों की आवाज बन्द हो गई। स्वामी अग्निवेश ने हरियाणा सरकार में शिक्षामंत्री रहते हुए मजदूरों पर हुए अत्याचारो से व्यथित होकर त्यागपत्र दे दिया था तब उन्होंने बन्धुआ मुक्ति मोर्चा बनाकर लाखो मजदूरों को मुक्ति दिलायी थी। स्वामी अग्निवेश तमिलभाषी सम्भ्रान्त ब्राह्मण परिवार में पैदा होकर भी जातिवाद, पाखंडवाद एवं अन्धविश्वास के खिलाफ अन्त तक लङते रहे इसी कारण वे रुढिवादी संगठनों के निशाने पर रहे। सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध अपना पूरा जीवन संधर्ष में ही लगा दिया। डॉ पथिक ने बताया कि मैं छात्र जीवन में ही उनके सम्पर्क में था मैने उनके कई आन्दोलनों में भी जैसे दिल्ली से दिवराला तक सतिप्रथा के खिलाफ पदयात्रा, उदयपुर से नाथद्वारा तक मन्दिर में हरिजनों के प्रवेश हेतु पदयात्रा, दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में जाति तोड़ो आन्दोलन, दिल्ली से मेरठ तक साम्प्रदायिकता के खिलाफ पदयात्रा, हरियाणा में शराब बन्दी एवं बन्धुआ मजदूरों को मुक्त कराने जैसे कई आन्दोलनों में भाग लिया था।
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