संवाददाता भीलवाड़ा। मुख्यमंत्राी अशोक गहलोत ने किसानों से कहा है कि वर्तमान परिस्थितियों में खेतीबाड़ी के तौर तरीको के साथ उन्नत कृषि को अपनाकर उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है एवं उत्पाद का सही मूल्य संवर्द्धन हो इसके लिए वे संबंधित उत्पाद का स्वयं का उद्योग लगाकर वे आत्मनिर्भरता हासिल कर सकते है। सरकार ने राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति लागू की है। उद्योग लगाओ आय बढ़ाओ के अन्तर्गत इसका फायदा काश्तकारों को आगे होकर लेना चाहिए।
मुख्यमंत्राी गहलोत बुधवार को जयपुर से वीडियों काॅन्फे्रंसिंग के माध्यम से राज्य भर के कलेक्ट्रेट में संचालित वीडियों काॅन्फ्रेंसिंग कक्षों में आए प्रगतिशील किसानों से ‘‘उद्योग लगाओ आय बढ़ाओ’’ के साथ कृषि प्रोत्साहन नीति एवं किसानों के आर्थिक तंत्रा को मजबूत करने सहित विभिन्न बिन्दुओं पर सीधे संवाद कर रहे थे।
मुख्यमंत्राी ने कहा कि कृषि क्षेत्रा में टाइम बदल गया है कृषि में काफी जोखिमों से कृषि प्रभावित होती है और आये दिन उन्हें काफी नुकसान भी सहना पड़ता है हालांकि सरकार द्वारा हर स्तर पर उनके लिये योजनाए संचालित की है जिसका लाभ उन्हें मिलता तो है लेकिन अब काश्तकारों के बच्चे खेती नहीं कर नौकरी करने जैसी मानसिकता को बना लेते है जबकि कृषि क्षेत्रा में सही तरीके से ध्यान दिया जाए।
उन्होंने कहा कि खेत पर उत्पादन के साथ ही उत्पादित किस्म का ही उद्योग वे स्वयं लगा ले जैसे कही टमाटर अधिक होते है तो टमाटर सोस की फैक्ट्री लगाई जा सकती है और कच्चे से पक्के माल में हुए परिवर्तित उत्पाद को अच्छे मूल्य पर शहर में बिक्री के लिये यदि भेजा जाए तो इससे बहुत अच्छा मुनाफा अर्जित किया जा सकता है जिससे उनकी माली हालत में ठोस इजाफा होगा। मुख्यमंत्राी ने अपने संवाद में कहा कि उद्योग लगाओ आय बढ़ाओ के अन्तर्गत राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति के तहत कृषि प्रसंस्करणों के उद्योगो की स्थापना के लिए उद्यमियों को 25 प्रतिशत (अधिकतम 50 लाख रूपये तक की सीमा तक) अनुदान देय है। अधिकतम एक परियोजना के लिए 100 लाख रूपये तक का व्यावसायिक ऋण लिया जा सकता है जिसमें 50 फीसदी अनुदान भी है। उन्होंने जोधपुर, नागौर, भरतपुर, हनुमानगढ़, कोटा, प्रतापगढ़ सहित अनेक जिलों के प्रगतिशील किसानों से सीधे संवाद करते हुए उनकी खेतीबाड़ी एवं कृषि उत्पादों को लेकर सीधी चर्चा की। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग एवं इनसे जुड़े संस्थान जिला कलक्टर से मिलकर कृषि संगोष्ठियों का आयोजन करें एवं इन संगोष्ठियों के दौरान ही उद्योग लगाओ आय बढ़ाओं के अन्तर्गत अपने आवेदनों को फिल-अप करायें एवं कृषि के साथ उत्पाद का भी निर्माण कर अपनी आर्थिक स्थिति को और संबल बनाये।
वीडियों काॅन्फंे्रस में कृषि मंत्राी लालचंद कटारिया ने अपने संवाद में कहा कि देश की प्रगति में किसान ही है चाहे जीडीपी की गिरावट हो इसे रोकने में किसान की ही भूमिका है। किसानों के उत्पादों की मार्केटिंग भी हो सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से एवं किसानों के उत्पाद को निर्यात से कैसे जोड़ा जाये एवं फूड प्रोसेसिंग यूनिट के सुदृढ़ संचालन से किसानों की आय में वृद्धि की जा सकती है।
इस वीडियों काॅन्फें्रस में जयपुर के अलावा भीलवाड़ा से जिला कलक्टर शिवप्रसाद एम. नकाते, विभिन्न कृषि अधिकारी, सूचना एवं प्रौद्योगिकी के संयुक्त निदेश सत्यदेव व्यास एवं जिले से आए प्रगतिशील किसान आदि शामिल हुए।
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