CWG 2018: सतीश ने दिलाया भारत को तीसरा स्वर्ण पदक, पढ़ें कॉमनवेल्थ गेम्स से जुड़ा ये इतिहास

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नई दिल्ली: कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय वेटलिफ्टर्स का शानदार परफॉर्मेंस रहा है। पहले संजीता चानू और मीराबाई चानू ने स्वर्ण पदक दिलाया और अब सतीश कुमार शिवलिंगम ने शनिवार को 77 किग्रा कैटेगरी में गोल्ड जीता है। जानकार खुशी होगी कि भारत अभी कॉमनवेल्थ खेलों में तीन गोल्ड के साथ अपनी तीसरी जगह बनाने में बरकरार है।

कम उम्र में गोल्ड जीतने वाले सतीश ने स्नैच के पहली कोशिश में 136, दूसरी में 140 और तीसरी में 144 किग्रा का वजन उठाया। क्लीन एंड जर्क में पहली कोशिश में 169 और दूसरी में 173 किग्रा का वजन उठाया। इसके साथ ही उनका गोल्ड पक्का हो गया। इसलिए उन्होंने तीसरी कोशिश नहीं की। बता दें, इससे पहले सतीश कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में चार बार 2012, 2013, 2015 और 2017 में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं।

पिता सीखें वेटलिफ्टिंग के गुण:
मिलनाडु के वेल्लोर में जन्मे सतीश सदर्न रेलवे में चेन्नई में सीनियर क्लर्क के पद पर तैनात हैं। उनके पिता सेना से रिटायर हैं। सेना से रिटायर होने के बाद वह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में वाचमैन थे। वह भी वेटलिफ्टर रहे हैं।

ये इतिहास भी जानिए-
– कॉमनवेल्थ गेम्स 1930 में शुरू हुए थे। भारत पहली बार 1934 में शामिल हुआ था। इस तरह 84 साल में भारत वेटलिफ्टिंग में अब तक 41 गोल्ड जीत चुका है।
– बताया जाता है कि वेटलिफ्टिंग में भारत को पहला स्वर्ण पदक तमिलनाडु के तिरुवल्लूर में रहने वाले  एकमबारम करुणाकरन ने जीता था। उन्होंने 1978 एडमोनटन कॉमनवेल्थ गेम्स में फ्लाईवेट ओवरऑल में 205 किग्रा वजन उठाया था।

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पदक के मामले में कौन-किससे आगे-

देश गोल्ड सिल्वर ब्रॉन्ज कुल
ऑस्ट्रेलिया 14 11 16 41
इंग्लैंड 12 8 3 23
भारत 3 1 1 5
कनाडा 2 4 5 11
स्कॉटलैंड 2 4 4 10

यह तालिका 7 अप्रैल 2018 को 10:42 पर अपडेट की गई है।

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