संवाददाता भीलवाड़ा। आसींद सत्संग में आने से व्यक्ति का जीवन बदल जाता है,जिसका नही बदला है उसका बाद में जीवन परिवर्तन होना मुश्किल है। सत्संग में आने से हमें अच्छी राह मिलती है, सत्संग वो ही है जिसमे आत्मा के कल्याण पर चर्चा हो। उक्त विचार तपाचार्य जयमाला ” जीजी” म.सा. ने महावीर भवन में धर्मसभा में व्यक्त किये। साध्वी चंदनबाला ने कहा कि जन्म और मृत्यु के बीच का जो समय है वो ही हमारी जिंदगी है, आत्मा अकेली आती है और अकेली ही जाती है, जीवन को कैसे जीना है जीवन मे कैसा व्यवहार करना है यह सिखाने वाला गुरु कहलाता है। बच्चो की पहली पाठशाला अपने माता -पिता से शुरू होती है। साध्वी विनीतरूप प्रज्ञा ने कहा कि जीवन मे बदलाव नही आया तो यह जीवन भटकता रहेगा। मानव का शरीर किराये के मकान की तरह है। जिसे एक दिन यहा से मकान छोड़ना ही पड़ता है। साध्वी आनन्द प्रभा, डॉ चन्द्र प्रभा म.सा. ने बताया कि धर्मसभा में पाटन निवासी श्रीमती उर्मिला नाहर ने 7 उपवास के आज प्रत्याख्यान लिये। तपस्वी बहिन का तपस्या से श्रीमती तारा बाई देशरडा ने माला एवं शाल से स्वागत किया। संघ के सहमंत्री सुरेन्द्र संचेती ने बताया कि नवकार महामन्त्र के सामूहिक जाप की 24 वी कड़ी 8 अगस्त रविवार को महावीर भवन में प्रातः 8.30 बजे से शुरू होगी , जाप के पश्चात लक्की ड्रा निकालकर भाग्यशाली विजेता को सम्मानित किया जाएगा। संघ उपाध्यक्ष तेजमल मेहता, भँवर लाल कांठेड़, महावीर युवा मंडल अध्यक्ष कमलेश कूकड़ा ने सभी आगन्तुको का स्वागत किया।
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