हनुमानगढ़ । भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीटू ) द्वारा दिन दुगनी रात चौगुनी बढ़ती महंगाई के खिलाफ देशव्यापी कार्यक्रम के अंतर्गत आज जन शक्ति भवन, टिब्बी रोडच हनुमानगढ़ टाउन पर आज 11.00 बजे सीटू से संबंधित तमाम संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया । इस अवसर पर आमसभा हुई, आमसभा को सीटू के जिला अध्यक्ष कामरेड आत्मा सिंह,सीटू जिला उपसचिव कामरेड बहादुर सिंह चौहान, सीटू जिला संरक्षक कामरेड मलकीत सिंह व अन्य नेताओं ने संबोधित किया । इस अवसर पर कामरेड अनिल मोहन मिश्रा, कामरेड हरजी वर्मा, कामरेड राकेश बाजाज, कामरेड बसंत सिंह, कामरेड मेजर सिंह, कामरेड अरविंद मुंशी, जगदीश यादव, शोपत राम, संदीप बसौड़, वकील सेतिया, महावीर सिंह, सुदेश शर्मा, जगतार सिंह, लालमोहन, संतोष साह, मिथिलेश सिंह, राज कुमार व अन्य नेता मौजूद थे । वक्ताओं ने केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों की आलोचना की,मंहगाई कम करने की मांग कि । सभा को संबोधित करते हुए बहादुर सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से पूरे देश में केंद्र सरकार के दिशा निर्देश में राज्य सरकार ने लॉकडाउन लगाया, जिससे पूर्व के लाक डाउन में जो दिशा निर्देश केंद्र ने लागू किए थे, श्रमिकों को नौकरी से नहीं निकाला जाए, लॉकडाउन में वेतन कटौती नहीं होगी, ना ही लॉकडाउन में मजदूर से किराया वसूला जाएगा, क्योंकि घोषणाओं को जमीन स्तर पर लागू नहीं किया गया, लेकिन इस बार लॉकडाउन में राज्य सरकार की सरकार ने मजदूरों व मेहनतकश अवाम को राम भरोसे छोड़ दिया और करोना से हुई मृत्यु दर को भी छिपाया गया,
जिससे उनके परिजनों को महामारी अधिनियम में किसी भी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिली, ऐसे दौर में जहां सरकार को अपने खजाने से जनता को राहत पहुंचानी चाहिए थी, परंतु उसके विपरीत खाद्य पदार्थों में 40प्रतिशत की वृद्धि की गई, रसोई गैस, पेट्रोल, डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि की गई, दूसरी तरफ करोड़ों लोग विरोध रोजगार हुई जिसके पास एक समय खाने के पैसे भी नहीं है, वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार लगातार मजदूरों के श्रम कानून पर हमले कर रही है और उन्हें कॉरपोरेट घरानों के पक्ष में बदला जा रहा है, जिससे देश के मजदूर वर्ग में अशांति व विस्फोटक स्थिति पैदा होगी, वही किसान 3 कृषि कानूनों को लेकर 7 माह से आंदोलनरत है जबसे केंद्र सरकार लेबर कोडस बिल और कृषि कानून लेकर आई है तब से देश में अफरा.तफरी का माहौल है लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही केंद्र की सरकार की तमाम नीतियों निजीकरण को बढ़ावा देने वाली है इससे देश में भयंकर बेरोजगारी बढ़ेगी । आज देश की तमाम केंद्रीय श्रमिक संगठन एवं भारतीय ट्रेड यूनियन सीटू के राष्ट्रव्यापी अहवान पर पूरे देश में अलग.अलग राज्यों में मजदूर वर्ग निमन मांगों को लेकर धरना, प्रदर्शन एवं जुलूस निकाल सरकार को चेताने का काम कर रहे हैं, और इन मांगों पर गौर नहीं किया गया तो मजदूर केंद्रीय श्रमिक संगठन के निर्देशक में आंदोलन तेज किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी ।
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