जन्माष्ठमी की पूर्व संध्या पर बच्चों ने दी प्रस्तुति

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संवाददाता भीलवाड़ा। आसींद महासती उमराव कंवर का जन्म शताब्दी वर्ष का शुभारंभ आज महावीर भवन में नवकार महामन्त्र के सामूहिक जाप के साथ प्रारंभ किया गया। तपाचार्य साध्वी जयमाला की सुशिष्या साध्वी डॉ चन्द्रप्रभा ने धर्मसभा में कहा कि जो साधु-संत सदैव आमजन की भलाई एवं गरीबो का दुःख दर्द सुनकर उसको मिटाने का प्रयास करते है वो सदैव पूजनीय होते है। नवकार महामन्त्र कोई साधारण मंत्र नही है यह महा मंत्र है इसको जपने से आदि – व्याधि- बीमारी दूर चली जाती है इसके साथ ही आत्मा परमात्मा की और अग्रसर हो जाती है। साध्वी उमराव कंवर का जीवन बहुत सरल व सादगी से भरा हुआ था। वो छोटा बच्चा हो या बड़े – बुजुर्ग सभी को सदैव आप से संबोधन करके ही बात करते थे। आपने अपना पूरा जीवन तप , त्याग और साधना में लीन रहकर निकाला। आपने सदैव समाज को आगे बढ़ाने का प्रयास किया। आप का अधिकांश विचरण अजमेरा क्षेत्र में रहा था। साध्वी चंदनबाला ने कहा कि नवकार महामन्त्र में अपार शक्ति निहित है। जिसने भी इस महामंत्र को जपा उसकी आत्मा परमात्मा की और अग्रसर हुई है और घर आँगन में सुख – शांति, व्यापार में उत्तरोत्तर वर्द्धि, एवं अपने कर्मो की निर्जरा हुई है। साध्वी ने कहा कि सोने से पूर्व 8 बार नवकार महामन्त्र का जाप करके सोये एवं अपना काम धंधा शुरू करने से पूर्व 9 बार नवकार का स्मरण करे । आसींद में जो पिछले 27 सप्ताह से नवकार महामन्त्र का सामूहिक जाप चल रहा है वह पूरे जैन समाज के लिए एक अनुकरणीय है। नवकार महामन्त्र के पश्चात निकाले जाने वाले लक्की ड्रा में श्रीमती अलका नवीन सुराणा भाग्यशाली विजेता रही जिसे संघ द्वारा सम्मानित किया गया। सोमवार को धर्मसभा में जन्माष्ठमी का पर्व मनाया जाएगा जिसमे बालिका मंडल द्वारा कृष्ण -सुदामा पर रोचक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जायेंगे। धर्मसभा में साध्वी विनीतरूप प्रज्ञा के सांसारिक पिताजी दिल्ली निवासी राजेन्द्र जैन, सूरत निवासी मनोहर चोरड़िया, कोयम्बटूर निवासी विजय कुमार लोढ़ा का संघ द्वारा सम्मान किया गया।

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