संवाददाता भीलवाड़ा। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी नन्हे मुन्ने बच्चे रमजानुल मुबारक के रोजे रख रहे है। रमजान के रोजे को लेकर इन बच्चों में काफी उत्साह है। बच्चे रमजान के रोजे का बहुत बेसबरी से इंतजार करते है। जब रोजा शुरू होता है तो इनके खुशी का ठिकाना नही रहता है। पांच वर्ष से आठ वर्ष के ये नन्हे मुन्ने बच्चे रोजा रख लेते हैं। इन सभी बच्चों ने रमजानुल मुबारक के पहले रोजे को काफी खुशी के साथ रखा। फिर रमजान में पड़ने वाले जुमा, अलविदा जुमा और आखिरी रोजा तो ये बच्चे मां बाप के मना करने के बावजूद रोजा रख ही लेते हैं। बच्चों का मानना है कि पहला रोजा, बीच वाला रोजा और आखिरी रोजा रखकर पूरे रोजा को एक तरह से छेक लेते हैं और पूरा रोजा हो जाता है। बच्चों में सेहरी और इफ्तार को लेकर भी काफी खुशी रहती है। रंग बिरंग का फल ,शरबत और मिठाई इन्हें काफी पसंद आता है ।रात में अपने माता पिता के साथ जागकर सेहरी का भी मजा लेते हैं। इन बच्चों में सभी रोजा को रखने की हिम्मत तो काफी होती है लेकिन कम उम्र के कारण वो चाह कर भी ऐसा नही कर पाते है। तसवारिया बांसा के चांद मोहम्मद मंसूरी के नाती आलिया, जुनैद, जावेद भी रमजानुल मुबारक का रोजा रख रहे है तीनो भाई बहिनो मे रोजा को लेकर काफी उत्साहित है सभी इफ्तार में बैठकर अपने घर वालों के साथ इफ्तार में पाबंदी के साथ बैठते है। अब इन सभी नन्हे मुन्ने बच्चों को ईद पर्व का बेसब्री से इंतजार है ताकि नए नए कपड़े पहन सके।
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