चातुर्मास है आराधना उपासना साधना ध्यान करने का सत्र, संत निर्मल राम

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संवाददाता भीलवाड़ा। चातुर्मास में सभी संत एवं अध्यात्म जीवन जीने वाले भक्तगण आराधना करते हैं उपासना करते हैं एवं अपने मन की शांति के लिए साधना करते हैं चातुर्मास में विशेष ध्यान एवं सुमिरन हमारे मन को अंतर्मुखी बनाता है उक्त विचार लुलास ओदी आश्रम में अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के लूलास श्रीराम द्वारा के अधिष्ठाता संत निर्मल राम ने चातुर्मास के प्रथम दिन आसपास के गांवों से आए हुए भक्तों के समक्ष व्यक्त किए संत श्री ने बताया गुरुदेव की पावन समाधि के सानिध्य में यहां 3 महीने तक आराधना उपासना चालू रहेगी एवं 24 जुलाई को गुरु पूर्णिमा उत्सव कोरोना के गाइड लाइन के अनुसार मनाई जाएगी इसके अलावा चातुर्मास में आने वाले सभी धार्मिक त्योहार उत्साह पूर्वक मनाए जाएंगे प्रतिदिन प्रातकाल रामधुनी एवं स्वामी जी श्री रामचरण जी महाराज की वाणी का पाठ होता रहेगा भक्त लोग यहां आकर के आराधना उपासना करते रहेंगे चातुर्मास के प्रथम दिन आसपास के गांव से लोग उपस्थित होकर समाधि के दर्शन एवं संतो के दर्शन किए साथ ही संतराम विश्वास ने भी अपने विचार रखते हुए कहां यह चातुर्मास आराधना उपासना का साधना का है कोरोना काल के नियमों का पालन करते हुए भक्त लोग यहां आकर दर्शन एवं उपासना करते रहेंगे।

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