जानिए क्यों ला रही सरकार अब 100 रूपये का सिक्का

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नई दिल्ली: एआईएडीएमके के संस्थापक एमजी रामचंद्रन के शताब्दी वर्ष पर 100 रुपये का सिक्का जारी होने वाला है। यह 100 रुपये का सिक्का 44 एमएम व्यास का होगा। इसमें 50 फीसदी सिल्वर का इस्तेमाल किया गया है। पिछले साल महाराणा प्रताप की 476वीं जयंती पर भी 100 रुपये का सिक्का जारी किया गया था। इससे पहले 2010, 2011, 2012, 2014 और 2015 में भी 100 रुपये के सिक्के जारी किए जा चुके हैं।

आपने आजतक 10 रूपये तक के सिक्के देखें होंगे, अब जो हम आपको बताने जा रहे हैं उसे थोड़ा तो हैरान होगे लेकिन जानना भी जरूरी। भारत में 1000 रुपये का भी सिक्का जारी हो चुका है। सरकार ने 2010 में तमिलनाडु के बेहद मशहूर एवं अति प्राचीन बृहदीश्वरा मंदिर के निर्माण के 1000 साल पूरे होने पर यह सिक्का जारी किया था।

शायद आपको मालूम ना हो लेकिन सरकार इससे पहले 2010, 2011, 2012 और 2013 में 150 के सिक्के भी जारी किए थे। 150 रुपये के ये सिक्के 2011 में रवींद्रनाथ टैगोर, 2012 में मोतीलाल नेहरू, मदन मोहन मालवीय और 2013 में स्वामी विवेकानंद  150 वीं जयती पर जारी कर चुकी है। वहीं सरकार ने साल 2014 जवाहरलाल नेहरू और 2015 में सर्वपल्ली राधाकृष्णन की 125वीं जयंती पर सरकार ने 125 रुपये के सिक्के जारी किए थे।

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गौरतलब है कि  भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना के प्लेटिनम जुबिली वर्ष को सेलेब्रेट करने के लिए 2010 में 75 रुपये के सिक्के जारी किए गए थे। देश में सिक्के ढालने वाली कोलकाता स्थित टकसाल की स्थापना के 60 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 2012 में 60 रुपये के सिक्के जारी किए गए थे. 2014 में भी कोयर बोर्ड की स्थापना का डायमंड जुबिली वर्ष मनाने के लिए 60 रुपये का सिक्का जारी किया गया था। तो ये हैं उन सिक्कों की कहानी जो आपको पता भी होगी लेकिन कभी गौर नहीं किया होगा।

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