हनुमानगढ़। महर्षि वाल्मीकि जयंती के उपलक्ष्य में वाल्मीकि समाज जंक्शन द्वारा प्रातः प्रभात फेरी निकाली गई जो शहर के मुख्य मुख्य मार्गाे से होकर वाल्मीकि धर्मशाला में समपन्न हुई। दिन भर वाल्मीकी धर्मशाला स्थित वाल्मीकि मन्दिर में विशेष पूजा अर्चना की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगरपरिषद सभापति गणेशराज बंसल, निर्माण समिति अध्यक्ष सुमित रिणवां, पार्षद गुरदीप बराड़ बब्बी, पार्षद नगीना बाई, पार्षद जगदीप सिंह बराड़, पार्षद अशोक गौरी सहित अन्य समाज के लोगों ने भगवान वाल्मीकी कि विधिवत पूजा अर्चना कर भजन कार्यक्रम की शुरूवात की। पूरा दिन वाल्मीकी धर्मशाला में भगवान वाल्मीकि के भजनों का गुणगान विशेष आमंत्रित कलाकारों द्वारा किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि अतीत में महर्षि वाल्मीकि ने लोगों को शिक्षित करने की पहल की। समजा के लोगों को शिक्षा प्राप्त कर गुरु महर्षि वाल्मीकी जी के बताए रास्ते पर चलना चाहिए। वक्ताओं ने कहा कि साक्षर होकर ही समाज में परिवर्तन लाकर उसे आगे बढ़ा सकते हैं। वक्ताओं ने कहा कि यदि महर्षि वाल्मीकि न होते तो आज हम दशहरा व दीपावली जैसे त्यौहार न मना पाते और न ही भगवान श्रीराम के जीवन एवं उनकी शिक्षाओं के बारे में न जान पाते। महर्षि वाल्मीकि को संस्कृत साहित्य में अग्रदूत कवि के रूप में भी याद किया जाता है, उन्होंने रामायण जैसे महाकाव्य की रचना की। इस प्रथम महाकाव्य की प्रतिष्ठा भारत में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में वेद तुल्य है। कार्यक्रम के अंत में विनोद कंडा, विनोद अठवाल, गोकुलचंद अठवाल, बलवंत सारवण, अभिमन्यू, अरुण कण्डा, रमेश कण्डा, गौरीशंकर अठवाल, मुन्ना अठवाल, सुमित अठवाल, सूरज चांवरिया, कैलाश देवी, सोनू धारणिया, विक्रम अठवाल ने आये हुए अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर अभिंनदन किया।
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