स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कांटिया की 14 वी पुण्यतिथि मनाई

0
357

संवाददाता भीलवाड़ा। 1942 भारत छोड़ो आंदोलन के नायक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय लक्ष्मी दत्त कांटिया की 14वी पुण्यतिथि पर कस्बे में विभिन्न संगठनों द्वारा श्रद्धांजलि दी गई। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय कुंड गेट पर लक्ष्मी दत्त कांटिया स्मृति संस्थान के सहयोग से विद्यालय प्रांगण में 14 नए फलदार पौधे लगाए गए। संस्था प्रधान देवी लाल बेरवा,सुनील दत्त शर्मा, सुधा पारीक,पुष्पेंद्र घुसर,दिलकुश दरोगा, महेंद्र कुमार, राजू लाल रेगर तथा विद्यालय परिवार के कई सदस्य मौजूद थे।प्रधानाध्यापक बैरवा ने बताया कि प्रजामंडल के संस्थापक सदस्य तथा प्रमुख गांधीवादी विचारक,स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय कांटिया ने सदैव व्यक्तिगत स्वार्थ से दूर रहकर जनहित के कार्य किए तथा सदैव पीड़ित, वंचित वर्ग की सेवा के लिए समर्पित रहे।आजादी के उपरांत मिलने वाली किसी भी तरह की सुविधा अथवा पेंशन को स्वीकार नहीं किया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा सन 1944 में अजमेर आगमन पर उन्हें व्यक्तिगत निमंत्रण देकर गांधी ने अजमेर बुलाया और स्वतंत्रता आंदोलन को लेकर चर्चा की थी। वही उन्हीं के बुलावे पर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु शाहपुरा आए थे। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को मिलने वाले सर्वोच्च सम्मान ताम्रपत्र से उन्हें दो बार नवाजा गया। प्रथम बार प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी तथा दूसरी बार महामहिम राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह द्वारा सम्मान हेतु बुलाया गया मगर स्वाभिमानी काटिया सम्मान लेने नहीं गए तब भारत सरकार के निर्देशन पर तत्कालीन जिला कलेक्टर ने सम्मान उनके घर पर जाकर सौंपा। वही श्री प्रताप सिंह बारहठ राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्राचार्य डॉक्टर हरमल रेबारी तथा स्टाफ ने, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी द्वारा अध्यक्ष दिलीप गुर्जर तथा वरिष्ठ उपाध्यक्ष रामेश्वर लाल सोलंकी की मौजूदगी में, अंबेडकर विचार मंच के राजकुमार बैरवा, देवी लाल बैरवा, रमेश घुसर,अमर शहीद श्री प्रताप सिंह बारहठ स्मृति संस्थान के कैलाश जाड़ावत की अगुवाई में श्रद्धांजलि दी गयी। राजस्थान श्रमजीवी पत्रकार संघ, सरस्वती बाल सेवा समिति, यंग स्पोर्ट्स क्लब परिवार, आर्य समाज के सत्यनारायण तोलंबिया, वरिष्ठ नागरिक मंच के सचिव देवेंद्र सिंह बुलिया, वरिष्ठ शिक्षाविद पुखराज जोशी की अगुवाई में भी स्वर्गीय कांटिया को श्रद्धांजलि दी गई।संस्थान के अनुज कांटिया ने बताया कि महामारी प्रकोप के चलते प्रतिवर्ष होने वाले आयोजनों को स्थगित किया गया।

ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें  फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।