वैश्विक महामारी के दौर में कार टेक्सी ड्राइवरों ने की  सहायता की मांग

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संगठन सदस्यो ने मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन जिला कलक्टर को सौंपा
हनुमानगढ़।वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के चलते  टैक्सी ड्राइवरों और टैक्सी मालिकों की आर्थिक मदद करवाने की मांग को लेकर गुरुवार राजस्थान प्रदेश जीप कर टेक्सी यूनियन के सदस्यो ने मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन में बताया गया है कि संगठन द्वारा अपनी मांगों के सम्बंध में लिखित में अवगत करवाये जाने के बावजूद कोई सुनवाई नही हुई ।कोविड 19 की  विश्वव्यापी आपदा के बाद अधिकतर व्यापार रोजगार फैक्ट्री बंद हो गई है, जिससे हमारा टैक्सी का व्यापार बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है। सामान्य स्थिति में राज्य एवं केन्द्र सरकार को राजस्व 40% से 60% तक विभिन्न प्रकार से टुयुरिस्ट व ट्रांसपोर्ट द्वारा प्राप्त होता है परन्तु वर्तमान में हमारी स्थिति बेरोजगार जैसे हो गयी है ओर कोरोना को देखते हुए आगामी दो वर्षों तक टूरिज्म व्यवसाय शुरू होने की कोई संभावना नही है ऐसे में व वाहन चालक व वाहन मालिक अपने परिवार का पालन पोषण कैसे कर पाएंगे।ज्ञापन में वाहन की लोन किश्तों को आगामी 12 माह तक मोरटोरियम का लाभ देते हुए आगे बढ़ाने,बढाए गये मोरटोरियम पर ब्याज की माफी करने, टैक्सी कारों पर वर्तमान में लिए जा रहे 9 से 18 प्रतिशत तक ब्याज को अधिकतम 6 प्रतिशत वाषिक करने,टैक्सी कारों के परमिट को 2 वर्षों के लिए बढ़ाने चूंकि वनटाइम टैक्स जमा करवाया जा चुका है। इसलिए बीमा व परमिट में 2 वर्षों के लिए राहत प्रदान करने,लोक डाउन अवधि में आईआरडीए बीमा प्रीमियम कम कर एनसीबी का फायदा थर्ड पार्टी को देते हुए पुराने वाहनो के ट्रांसफर में एनसीबी का लाभ देने,रजिस्टर्ड टेक्सी वाहनो को बेरोकटोक व्यापार की छूट देने, 8 दिल्ली सरकार की तरह सभी व्यापारिक ग्राहक वाहन चालक को प्रति माह 5000 रूपये की आर्थिक मदद  देने, व्यापारिक ग्राहक (कार) वाहनों को इमरजेंसी सेवा के लिए रखने,टुरिस्ट व्यापार व बेरोजगार सभी कर्मचारियों को रोजगार उपलब्ध कराने की मांग की गई है। ईजे सम्बन्ध में जल्द ही कोई कार्यावहीँ न होने पर प्रदेश के समस्त संगठन सदस्यो द्वारा अपने वाहनो की चाबियां आरटीओ को सौंपने की चेतावनी दी गयी है।इस दौरान संगठन के प्रदेश सचिव नरेश कुमार,मीडिया प्रभारी दीपक कुमार,जिला उपाध्यक्ष जुल्फिकार,ईश्वर गिल,हरबंस सिंह,विनोद कुमार राव आदि मौजूद थे।

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