हनुमानगढ़। ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार एवं भारतीय स्टेट बैक द्वारा प्रायोजित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में चल रहे कैण्डल मेकिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन आज हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक प्रेम सिंह पथरी ने की। निदेशक प्रेम सिंह पथरी ने कहा कि कैण्डल मेकिंग एक अद्भुत काम है जो कम खर्चे में बड़ा लाभ देने का काम कर सकता है। कम पूंजी लगाकर अच्छा व्यवसाय शुरू कर कम खर्च में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। आरसेटी का मुख्य उद्देश्य कला के धनी लोगों को उनकी कला की पहचान करवाकर उन्हे उसी क्षेत्र में प्रशिक्षण देकर प्रशिक्षित किया जाता है जिससे कि वह अपनी कला में निपुण होकर अपना स्वयं का स्वरोजगार कर सके। कार्यक्रम को संबोधित करते हुये निदेशक प्रेम सिंह पथरी ने बताया कि उक्त प्रशिक्षण के लिए विशेष रूप से नैनिताल से प्रशिक्षिका भावना जोशी को संस्थान में आमंत्रित किया गया।
कार्यक्रम में कुल 32 प्रतिभागियों को सफलतापूर्वक ट्रेनिंग दी गयी। उन्होने कहा कि आज के समय में बड़ी बड़ी कम्पनियां है जो कच्चा माल छोटे स्तर पर काम करने वाले लोगों से करवाकर अपने ब्रांड का नाम उस पर लगाकर करोड़ों कमा रही है। इसी लिये आरसेटी इन्ही प्रतिभागियों को कार्य प्रबंधन में भी निपुण कर रही है । जिससे कि आम व्यक्ति भी अपनी कला से अपना रोजगार अच्छे से चला सकता है और अपना एक बड़ा व्यवसाय भी खड़ा कर सकता है। कार्यक्रम के अंत में समस्त प्रशिक्षार्थियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर नासर से मूल्याकंनकर्ता भंवरलाल स्वामी, पारूल अग्रवाल, नैनिताल से प्रशिक्षिका भावना जोशी, अनुदेशक मुकेश कुमार, अनिल राठौड़, कार्यालय सहायक गणेश राम, रितिक अरोड़ा, सूरज कुमार व कुलदीप मौजूद थे।
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