कनाडा में क्यों है खालिस्तान पॉवरफुल, ट्रूडो के देश में कितने भारतीय, कौनसा होता व्यापार? जानें सबकुछ

हाल ही में लोकसभा में पूछे गए एक सवाल को लेकर विदेश मंत्रालय की ओर से बताया गया था कि अभी (अगस्त तक) भारत के 1 लाख 78 हजार 410 लोग कनाडा में रहते हैं।

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India-Canada News: प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को G-20 सम्मेलन के दौरान खालिस्तानी आतंकियों को पनाह देने और कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियों को चलने को लेकर फटकार लगने के बाद तिलमिलाए ट्रूडो ने हाल ही में कनाडा संसद में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने की बात कह कर चौतरफा तनाव का माहौल बना दिया है।

ट्रूडो भारत विरोधी बयान देने के बाद भले ही दुनियाभर में चर्चा का विषय बन चुके हैं लेकिन इस बीच कई चिताएं बढ़ गई है। जैसे कनाडा में कितने प्रतिशत भारतीय रहते हैं, व्यापार संबंधी और जो स्टूडेंट्स पढ़ाई के लिए वहां जाते हैं अब उनका क्या। इन सबके बारें में आज हम आपको विस्तार से बताने वाले हैं।

क्या है कनाडा की मजबूरी?
क्षेत्रफल के हिसाब से कनाडा रूस के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है, लेकिन वहां की जनसंख्या मात्र 3.5 करोड़ है। ऐसे में अगर इस तरह के देश को मजबूत बनना है तो उसको लोगों की जरूरत होगी। अपने यहां पर लोग नहीं होने के कारण ऐसे देशों को अपनी इमिग्रेशन पॉलिसी को आसान करना पड़ता है और दूसरे देश से लोग यहां पर आते हैं, जिससे उस देश की तरक्की में योगदान देते हैं। यहां पर सिखों की तादाद कुल जनसंख्या का 1.5 फीसदी है, जबकि भारत में सिख 1.7 प्रतिशत हैं।

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कनाडा में क्यों है खालिस्तान मूवमेंट पॉवरफुल
कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में भारतीय मूल के सबसे ज्यादा लोग रहते हैं. उसके बाद ओंटारियो में 1 लाख 80 हजार भारतीय यहां पर रहते हैं।  2019 में हुए चुनाव में ओंटारियो से 10 सिख सांसद चुनकर आए थे। अल्बर्टा में करीब 50 हजार की तादाद में भारतीय रहते हैं और यहां पर 2019 में 3 सिख सांसद चुने गए थे। वहीं क्यूबेक में यह तादाद 9 हजार है और यहां से एक सिख सांसद चुनाव जीतने में कामयाब रहा था। ऐसे में यहां पर जो खालिस्तान मूवमेंट चल रहा है, वहां के सांसदों का इनको समर्थन है और इसी वजह से ट्रूडो सरकार बैकफुट पर है।

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खालिस्तानियों को क्यों मदद करती है ट्रूडो सरकार
कनाडा की संसद में 5.3 प्रतिशत सिख सांसद हैं। 2019 में ट्रूडो सरकार को मात्र 157 सीटें मिल पाईं, जोकि बहुमत से 24 कम थीं। इसके लिए इनको न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी का समर्थन लेना पड़ा, जिसके अध्यक्ष जगमीत सिंह हैं और 2013 में भारत सरकार ने इसका वीजा कैंसिल किया था, क्योंकि इनके संबंध खालिस्तानी आतंकवादियों से थे। ट्रूडो ने हरजीत सिंह को कनाडा का डिफेंस मिनिस्टर नियुक्त किया, जोकि खालिस्तानी समर्थक थे, लेकिन बाद उनको हटा दिया।

इसके साथ ही जब 2019 में ट्रूडो ने भारत का दौरा किया तो वह अपने साथ जसपाल अटवाल को लेकर आए, जिसने 1986 में पंजाब सरकार के मंत्री मलकेत सिंह सिद्धू पर गोली चलाई और खालिस्तान नारे लगाए। इसके साथ ही मनवीर सिंह सैनी को भी वह अपने साथ लेकर आए, जिसने पीएम मोदी के 2015 के कनाडा दौरे पर उनका विरोध किया था।

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कनाडा में कितने भारतीय
हाल ही में लोकसभा में पूछे गए एक सवाल को लेकर विदेश मंत्रालय की ओर से बताया गया था कि अभी (अगस्त तक) भारत के 1 लाख 78 हजार 410 लोग कनाडा में रहते हैं।  मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि इस संख्या में वर्कर भी शामिल हैं। मंत्रालय की रिपोर्ट के हिसाब से एनआरई भारतीयों की संख्या 178410 है, जबकि पीआईओ (भारतीय मूल के नागरिक) की संखाय 1510645 है। इसके साथ ही ओवरसीज इंडियन का डेटा 1689055 है।

अगर स्टूडेंट्स की बात करें तो जिस वक्त यूक्रेन-रूस का युद्ध जारी था, उस वक्त मंत्रालय की ओर से जारी डेटा के अनुसार 2022 कनाडा में 1,83,310 भारतीय स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे थे।  वहीं, कनाडा की 2021 की जनगणना के अनुसार, पूरे कनाडा में 2.1 फीसदी सिख हैं और उनकी आबादी 7 लाख 71 हजार है। इसमें कई सिख कनाडा के नागरिक है और कुछ अप्रवासी और गैर स्थानी निवासी है।

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कैसे हैं व्यापारिक रिश्ते
2022-23 में भारत ने कनाडा को 4.10 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया था। इससे पहले 2021-22 में 3.76 अरब डॉलर की चीजें निर्यात की थीं। दूसरी तरफ, कनाडा ने भारत को 2022-23 में 4.05 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया था। वहीं, 2021-22 में 3.13 अरब डॉलर की चीजें निर्यात हुई थीं।

कहां कितना निवेश
कनाडा के पेंशन फंड ने भारत में करीबन 55 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश कर रखा है। अकेले ओंटारियो टीचर्स पेंशन फंड ने 3 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। ये पैसे हाईवेज इंफ्रा ट्रस्ट, महिंद्रा सस्टेन और सहयाद्री हॉस्पिटल्स जैसे ग्रुप में लगाए गए हैं।

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भारत कनाडा को क्या बेचता है
भारत, कनाडा को दवाएं, फार्मा प्रोडक्ट्स, रेडीमेड गारमेंट्स, ऑर्गेनिक केमिकल्स, आयरन, स्टील, ज्वेलरी, सजावटी पत्थर और कुछ इंजीनियरिंग इक्विपमेंट्स निर्यात करता है।

कनाडा से क्या खरीदता है भारत
भारत, कनाडा से मुख्य रूप से दालें, आयरन स्क्रैप, खनिज, न्यूज प्रिंट्स, वुड पल्प, पोटाश और इंडस्ट्रियल केमिकल्स जैसी चीजें मंगाता है। आपको बता दें कि भारत में कनाडा की करीब 600 कंपनियां काम कर रही हैं। वहीं, कनाडा में भी तमाम भारतीय कंपनियों के बिजनेस हैं। खासकर, आईटी, सॉफ्टवेयर, बैंकिंग सेक्टर और नेचुरल रिसोर्सेज जैसे फील्ड्स में भारतीय कंपनियों का दबदबा है।

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