लालू से भी तेज निकले अरविंद केजरीवाल, CAG रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाले खुलासे

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नई दिल्ली: कई मामलों को लेकर इन दिनों सुर्खियों में चल रही है दिल्ली की आम आदमी पार्टी पर नियंत्रक एवं लेखा महापरीक्षक (कैग) ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। कैग की रिपोर्ट में दिल्‍ली सरकार के कई विभागों में अनियमितताओं का उजागर हुआ है।

रिपोर्ट में 50 से अधिक मामलों में गंभीर भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं। सबसे ज्यादा चौंकाने वाला मामला रिपोर्ट में ये निकलकर आया कि दिल्ली में राशन ढुलाई के लिए कागजों में जिन गाड़ियों का जिक्र किया गया है वह जांच के दौरान स्कूटर और बाइक पाए गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बात पर संदेह है कि दिल्लीवालों को राशन बांटा गया है। इसके साथ ही माल ढुलाई के लिए जिन गाड़ियों को दिखाया गया है वह फर्जी हैं।

इस रिपोर्ट के सामने आते ही राजनीतिक महकमें में विरोध से सुर तेज हो गए है। इस मामले में केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि कैग द्वारा दिए गए भ्रष्टाचार या अनियमितता के प्रत्येक मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी। दिल्‍ली विधानसभा में सिसौदिया ने साफ कर दिया कि कैग रिपोर्ट के अनुसार किसी मंत्री या अधिकारी के कामकाज में अनियमितता पाई गई तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

क्‍या है कैग की रिपोर्ट में

1- रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2014 से 2017 के दौरान वन विभाग सहित अन्य सरकारी विभागों को 36.57 लाख पौधे लगाने थे। लेकिन लगाए जा सके महज 28.12 लाख पौधे। इनमें से भी 8.42 यानि 23 फीसद रखरखाव न होने के कारण नष्ट हो गए। गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रही दिल्ली सरकार वृक्षारोपण में भी फिसडडी ही साबित हुई है।

2- रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों की लापरवाही से दिल्ली पावर कंपनी लिमिटेड (डीपीसीएल) को 60 करोड़ रुपये का दंड चुकाना पड़ा। इससे पूर्व भी इस तरह की लापरवाही सामने आ चुकी है जिसे लेकर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने आपत्ति जताई है।

3- दिल्ली में राशन की ढुलाई के लिए वित्त वर्ष 2016-17 में कुल 207 गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया है। ऑडिट के दौरान यह बात सामने आई है कि इनमें से 42 गाड़ियां दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग में रजिस्टर्ड ही नहीं थी। इसके साथ ही 10 गाड़ियां अन्य विभागों के नाम पर थी। 8 गाड़ियां ऐसी थी जिनका रजिस्ट्रेशन किसी बस, स्कूटर या फिर बाइक के नाम पर था। रिपोर्ट के मुताबिक एक साल करीब 1589 क्विंटल माल एफसीआई के गोदामों से फेयर प्राइस शॉप तक पहुंचाया गया है, जो इन गाड़ियों में पहुंचाना लगभग असंभव है। जो इस बात को दर्शाता है कि दिल्ली में राशन घोटाला हुआ है।

4- दिल्ली में मौजूद 68 ब्लड बैंकों में से 32 के पास वैध लाइसेंस नहीं हैं। इसके अलावा ज्यादातर ब्लड बैंकों में दान में मिले रक्त में एचआइवी, हेपेटाइटिस बी व हेपेटाइटिस सी जैसी गंभीर बीमारियों के संक्रमण का पता लगाने के लिए एनएटी (न्यूक्लिक एसिड टेस्ट) जांच भी नहीं की जाती।

5- स्वच्छ भारत मिशन के तहत 40.31 करोड़ रुपये का बजट होने के बावजूद पिछले ढाई सालों में दिल्ली में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण नहीं किया गया। ग्राहकों को सरकार कैसे जगाएगी, इसका भी रोड मैप तक तैयार नहीं किया गया। माप तौल विभाग ने न तो कोई सर्वे किया और न ही कोई वार्षिक कार्ययोजना तैयार की।

6- आप सरकार शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार का दंभ भरती है। जबकि कैग की रिपोर्ट बताती है कि तीन जिलों में करीब आठ हजार छात्र छात्राओं के लिए कोई खेल सुविधा विकसित नहीं की गई है। छह जिलों में खेल सुविधाओं के नाम पर केवल स्वीमिंग पूल हैं। इसी तरह वन विभाग ने पहले वृक्षारोपण का अपना लक्ष्य ही पूरा नहीं किया। जो किया, उसमें भी 23 फीसद पौधों को बचाया नहीं जा सका।

दिल्ली सरकार कराएगी CBI  जांच
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले में सीबीआई की जांच करवाने के निर्देश दिए है। इसके अलावा विभागों को जांच के आदेश दिए गए हैं। साथ ही कहा गया है कि कैग रिपोर्ट का गंभीरता से अध्ययन किया जाए। इस दौरान संभावना है कि यह मामले और अधिक बढ़ जाएं।

सोशल मीडिया पर बवाल-
कैग की रिपोर्ट सार्वजनिक होते ही राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया तो आने लग ही गई लेकिन सोशल मीडिया भी अरविंद केजरीवाल के मजे लेने में पीछे नहीं रहा। केजरीवाल द्वारा किए गए ट्वीट पर लोग लिख रहे हैं आप तो लालू के चारा घोटाले से भी आगे निकल गए।

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