संवाददाता भीलवाड़ा। भारत के स्वर्णिम युग की शुरुआत हो चुकी है और उस स्वर्णिम युग का आधार है संस्कृत । आज एलोपैथी से ज्यादा लोग योग और आयुर्वेद की ओर लौट रहे हैं । संस्कृत भाषा में निहित ज्ञान ही विश्व का कल्याण कर सकता है इसलिए दुनिया के देश संस्कृत में छुपे विज्ञान की खोज में भारत आने लगे हैं । दुनिया के अनेकों अनेक देशों के राष्ट्राध्यक्ष वैदिक मंत्रों के साथ शपथ ले रहे हैं । हमें भी परं वैभवन्नेतुमेतत् स्वराष्ट्रम् के संकल्प के साथ भारत को विश्व गुरु भारत बनाने के लिए आगे कदम बढ़ाना होगा । यह बात संस्कृत भारती चित्तौड़ प्रांत द्वारा आयोजित संस्कृत संभाषण शिविर के समापन अवसर पर बोलते हुए सोमनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति व संस्कृत भारती अखिल भारतीय अध्यक्ष गोपाबंधु मिश्र ने कही । मिश्र ने कहा कि संस्कृत भाषा व्यक्ति में संस्कारों की जन्मदात्री हैं जहां संस्कृत है वहां समन्वय हैं और जहां समन्वय हैं वहां परिवार स्वर्ग है । प्रांत संगठन मंत्री देवेंद्र पंड्या ने बताया कि इस अवसर पर अखिल भारतीय सदस्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हस्तीमल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि संस्कृत भारती संगठन संस्कृत भाषा के लिए काम करने वाला कृत संकल्पित संगठन है जो भाषा के पुनर्जागरण के लिए विश्व स्तर पर कार्य कर रहा है । संस्कृत भारती भाषायी क्षेत्र में एक आंदोलन है जिसका मूल लक्ष्य हर घर संस्कृत हर जन संस्कृत हैं । संस्कृत भाषा से ही युग परिवर्तन संभव है इसलिए कार्य की गति को थोड़ा और बढ़ाना होगा । एक दिन निश्चित रूप से भारत के प्रत्येक घर में संस्कृत बोलने वाला या समझने वाला व्यक्ति मिलेगा । इस अवसर पर प्रांत संगठन मंत्री देवेंद्र पंड्या ने कहा कि संस्कृत भारती समाज जागरण के लिए कोरोना महामारी काल में ऑनलाइन शिविरों का आयोजन कर रही है इस समय देश भर में संस्कृत भारती द्वारा सैकड़ों शिविरों का आयोजन किया जा चुका है । संस्कृत भारती चित्तौड़ प्रांत ने भी 12 अगस्त से 23 अगस्त तक तीन शिविरों का आयोजन किया जिसमें बालिकाओं के लिए तेजस्विनी, परिवार के लिए कुटुंब प्रबोधन शिविर व तीसरा सभी के लिए था ।
विभाग संयोजक परमेश्वर प्रसाद कुमावत ने बताया कि शिविर के समापन कार्यक्रम में ध्येय मंत्र निहारिका बच्चन ने किया । स्वागत गीत शाहपुरा जिला शिक्षण प्रमुखा अंजू जांगिड़ ने बोला । संस्कृत भारती परिचय मीठालाल माली ने कराया l वर्ग प्रतिवेदन बताते हुए मीठालाल ने बताया कि तीनों वर्गों का उद्घाटन 12 अगस्त 2020 कृष्णजन्माष्टमी को किया गया। महिलओं के लिए मध्याह्न 12.00 से 1.30 तेजस्विनी वर्ग में 72 छात्र, सायं 4.00 से 5.30 तक कुटुम्ब वर्ग में 43 छात्र, कृष्णजन्माष्टमी को संस्कृत संगीत संन्ध्या के साथ रात्रि 8.00 से 9.30 तक सम्भाषणवर्ग में 177 वर्गार्थी के साथ कुल मिलाकर 327 वर्गार्थियो ने संस्कृत सम्भाषण सीखा। वर्गों में राजस्थान के साथ साथ उत्तरप्रदेश, दिल्ली आदि से भी वर्गार्थी उपस्थित थे । वर्गों मे 10 शिक्षकों के गण ने ऑनलाइन शिक्षण कराया। धन्यवाद ज्ञापन पीयूष गुप्ता ने किया । कल्याण मंत्र गरिमा ने किया । कार्यक्रम का संचालन संगीता राठौर ने किया । कार्यक्रम में प्रांत शिक्षण प्रमुख मधुसूदन शर्मा, प्रांत सह शिक्षण प्रमुख तरुण मित्तल, प्रांत प्रचार प्रमुख यज्ञ आमेटा, अजमेर विभाग संयोजक आशुतोष पारीक, भीलवाड़ा विभाग संयोजक परमेश्वर प्रसाद कुमाव, अजमेर महानगर संयोजक हिम्मत सिंह चौहान, उदयपुर प्रचार प्रमुखा रेखा सिसोदिया, आसींद जिला संयोजक देवीलाल प्रजापत, शाहपुरा जिला संयोजक लाल गोस्वामी, शाहपुरा महिला प्रमुखा पूजा गुर्जर, शाहपुरा शिक्षण प्रमुखा अंजू जांगिड़ आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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