2025 की शुरुआत से ही भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखी जा रही है, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। सेंसेक्स और निफ्टी में लगातार गिरावट के कारण निवेशकों के लाखों करोड़ रुपये डूब चुके हैं। 12 फरवरी यानी बुधवार को भी भारतीय शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ खुला। सेंसेक्स 1,018.20 अंक (1.32%) की गिरावट के साथ 76,293.60 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स 309.80 अंक (1.32%) गिरकर 23,071.80 पर बंद हुआ।
इस गिरावट के प्रमुख कारणों में वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की बिकवाली, और अमेरिका द्वारा स्टील और एल्युमिनियम पर आयात शुल्क में वृद्धि शामिल हैं। वहीं, निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांकों में 11 फीसदी और 14 फीसदी की बड़ी गिरावट आई है, जो 2016 के बाद से इस साल की सबसे बड़ी गिरावट है।
वहीं, विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली ने अब तक 2025 में शेयर बाजार से लगभग 10 बिलियन डॉलर गायब कर दिए हैं। भारतीय शेयर बाजार की इस गिरावट ने ना केवल खुदरा निवेशकों को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि मार्केट के बड़े बुल्स को भी कंगाल किया है। भारतीय शेयर बाजार के टॉप अरबपतियों को अब तक 2025 में लगभग 6,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
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एशियाई बाजारों में तेजी रही
- रिलायंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा और ITC ने बाजार को गिराने में सबसे ज्यादा कॉन्ट्रिब्यूट किया। जबकि, लार्सन एंड टुब्रो, HDFC बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक ने सेंसेक्स को ऊपर खीचने की कोशिश की।
- एशियाई बाजार में कोरिया के कोस्पी में 0.37% की तेजी रही। हॉन्गकॉन्ग के हैंगसेंग में 2.64% की तेजी और चीन के शंघाई कम्पोजिट इंडेक्स में 0.85% की तेजी रही।
- 11 फरवरी को विदेशी निवेशकों (FIIs) ने 4,486.41 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। इस दौरान घरेलू निवेशकों (DIIs) ने 4,001.89 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।
- 11 फरवरी को अमेरिका का डाओ जोंस 0.28% की तेजी के साथ 44,593 पर बंद हुआ। S&P 500 इंडेक्स 0.034% चढ़कर 6,068 पर बंद हुआ। नैस्डैक 0.36% गिरा।
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