रजिस्टर में बंद था परिवार के 11 लोगों की मौत का राज, ये थी वजह

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राजस्थान: चित्तौड़गढ़ के सावा कस्बे से वर्षों पहले दिल्ली के बुराड़ी में जाकर बसे एक परिवार के 11 सदस्य रविवार सुबह संदिग्ध हालात में घर में मृत मिले। इनमें से 10 के शव हॉल में लगे लोहे के जाल से फंदे पर लटके थे, जबकि परिवार की मुखिया नारायणी देवी (75) का शव कमरे में मिला। फंदे पर लटके लोगों की आंखों पर कपड़ा बंधा था, मुंह पर टेप लगी थी और कानों में रूई ठूंसी थी। पुलिस ने सामूहिक हत्याकांड का केस दर्ज कर क्राइम ब्रांच को जांच सौंप दी।

शुरुआती पड़ताल में मिले सबूतों के आधार पर देर शाम तक जांच की सूई सामूहिक आत्महत्या की ओर घूमती दिखी।
घर से बरामद एक रजिस्टर में आध्यात्मिक बातें लिखी हैं। आधा भर चुका यह रजिस्टर दिसंबर से लिखना शुरू किया गया था। 26 जून को चार पेज भरे गए। इनमें लिखा है कि मोक्ष के लिए खुदकुशी करते समय आंख, मुंह और हाथ बंधे होने चाहिए। 30 जून को भगवान से मिलने जाने की बात भी कही गई है।

रजिस्टर में लिखा है कि फोन परेशानी की बड़ी वजह है। इसे दूर रखना चाहिए। घर के सभी सदस्यों के आठ मोबाइल व एक टैबलेट एक दराज में मिले हैं। उत्तरी जिले के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त विनीत कुमार ने कहा कि शुरुआती जांच में 11 लोगों की मौत सामूहिक आत्महत्या लग रही है।

हालांकि पोस्टमार्टम और एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर ही पुलिस अंतिम नतीजे पर पहुंच गई। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार पिता की मौत के बाद से पूरा परिवार साथ में बैठकर हनुमान चालीसा और रामचरित मानस का पाठ करता था।

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पुलिस की जांच के 3 एंगल 

1.अंधविश्वास: परिवार के लोग भगवान से मिलने का रास्ता ढूंढ रहे थे। हर काम साथ करते थे। अगर कोई मौन व्रत रखे तो सभी रखते थे। रजिस्टर में लिखा है कि सीधे भगवान से मिलना है तो मोक्ष प्राप्ति के समय घर के दरवाजे खुले रखें। पड़ोसियों को दरवाजे खुले ही मिले थे। सीसीटीवी फुटेज में कोई बाहरी आता-जाता नहीं दिखा।

2.हत्या: यह भी आशंका जताई जा रही है कि परिवार के ही किसी सदस्य ने खाने में नशीला पदार्थ मिलाया हो और फिर सबको फंदे पर लटकाकर मार दिया हो। बाद में खुद भी आत्महत्या कर ली हो। आंख व मुंह बंद करना इस आशंका को जन्म देता है। हालांकि, एक अकेले व्यक्ति के लिए यह काम संभव नहीं है।

3.आत्महत्या: घर का सामान बिखरा नहीं था। सातों महिलाओं के शरीर पर ज्वेलरी ज्यों की त्यों है। कीमती सामान भी गायब नहीं है। फंदे में इस्तेमाल चुन्नी में टेलीफोन का तार भी है, ताकि यह टूटे ना। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि साक्ष्यों से आत्महत्या का मामला लगता है।
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सुबह सात बजे तक दुकान नहीं खुली तो पड़ोसियों को मिली जानकारी: 
पड़ोसी अमरीक सिंह ने बताया कि परिवार का प्लाईवुड का कारोबार था। भुवनेश की घर में किराने की दुकान थी। आमतौर पर सुबह 6 बजे वह दुकान खोल लेता था। रविवार सुबह 7 बजे तक दुकान नहीं खुली थी। दूध की वैन आने पर भी दुकान नहीं खुली। पड़ोसी गुरचरण अंदर गया तो फंदों से शव लटके दिखे। साढ़े सात बजे पुलिस को सूचना दी गई। पड़ोसियों ने कहा कि परिवार को कोई आर्थिक दिक्कत नहीं थी।
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इन लोगों की हुई मौत

1..नारायण देवी (77)

2.प्रतिभा (नारायण की बेटी, 57)

3.प्रियंका (नारायण की नातिन, 33)

4.भुवनेश उर्फ भूपी (बड़ा बेटा, 50)

5.श्वेता (भुवनेश की पत्नी, 48 )

6.नीतू (भुवनेश की बड़ी बेटी, 25)

7.मीनू (भुवनेश की छोटी बेटी, 23)

8.ध्रुव (भुवनेश का बेटा, 15)

9. ललित (छोटा बेटा, 45)

10.टीना (ललित की पत्नी, 42)

11.शिवम (ललित का बेटा, 15)

ललित ने रात 11 बजे तक झाबुआ में रिश्तेदारों से बात की: 
झाबुआ के भूपेंद्र सिसोदिया ललित के साढ़ू हैं। ललित ने शनिवार रात 8.30 बजे से 11 बजे तक इस परिवार से मोबाइल पर बात की थी। भूपेंद्र के बेटे आदित्य ने बताया कि बातचीत में कहीं भी नहीं लगा कि वह तनाव में हैं। सिसोदिया परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की है। धार में ललित के साले महेश सिंह राठौर ने कहा कि यह हत्या का मामला है। एक साथ 11 लोग आत्महत्या नहीं कर सकते। हालांकि, पोस्टमार्टम और एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर ही पुलिस अंतिम नतीजे पर पहुंचेगी। एक टीम रजिस्टर की बातों का भी अध्ययन कर रही है। वहीं, पानीपत और मध्यप्रदेश में इस परिवार के रिश्तेदारों ने इसे हत्याकांड बताते हुए जांच की मांग की है।

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