अब HRA पर भी देना होगा टैक्स, जेटली ने 5% कर लगाकर TDS का दायरा बढ़ाया

0
450

नई दिल्ली: वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2017-18 का बजट पेश कर दिया। इस बजट का मेन फोकस किसान, शिक्षा रेल, गरीब को रखा गया है। इसी बीच जहां टैक्स में भी बड़ी राहत दी गई है तो वहीं किराए के मकान में रह रहे लोगों को झटका दिया भी दिया है। उन्होंने बजट भाषण में हाऊस रेंट अलाउंस (एचआरए) पर भी टैक्स लगा दिया है।

बता दें ये टैक्स सिर्फ उन्हीं लोगों पर लगाया गया है जो 50,000 रुपये या उससे ज्यादा का एचआरए हर महीने क्लेम करते हैं। जेटली ने इस राशि पर पांच फीसदी टैक्स लगा दिया है। बजट भाषण के प्रस्तावों के मुताबिक अब 1 जून 2017 से 50 हजार से ज्यादा एचआरए पाने वालों को पांच फीसदी टैक्स देना होगा। जेटली ने टैक्स डिडक्शन ऐट सोर्स यानी टीडीएस का दायरा बढ़ाते हुए फॉर्म में इसके लिए एक नया सेक्शन 194-IB भी जोड़ा है।

नए नियम के मुताबिक, अब हर महीने 50 हजार का एचआरए क्लेम करने वालों का टीडीएस पांच फीसदी की दर से कटेगा। सरकार को उम्मीद है कि ऐसा करने से लोग गलत एचआरए क्लेम करने से बचेंगे। सालाना 1 लाख से ज्यादा एचआरए क्लेम करने पर मकान मालिक का पैन नंबर देना अनिवार्य है। जेटली ने पिछले बजट में ही हाऊस रेंट पर कटौती की सीमा 24 हजार रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये की थी।

एचआरए सैलरी का हिस्सा होता है। अब उस पर नया कर लगाने से लोग परेशान हैं। हालांकि उनकी संख्या बहुत कम है क्योंकि 50 हजार एचआरए क्लेम करने वालों की सैलरी अमूमन दो-ढाई लाख से ऊपर होती है। और इतनी मोटी तन्ख्वाह पाने वालों की संख्या भी कम ही है।

गौरतलब है कि वित्त मंत्री ने आयकर में 2.5 से 5 लाख तक की आमदनी वालों को कर में पांच फीसदी की राहत दी है। बजट में सरकार ने ग्रामीण भारत के विकास पर जोर दिया है। भारत सरकार ने एक करोड़ परिवारों को 2019 तक गरीबी रेखा से बाहर लाने की घोषणा की है। बजट में सरकार ने मनरेगा में अभी तक सबसे ज्यादा यानी 48000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए भी सरकार ने बजट में 2017-18 में 19,000 करोड़ रुपये की राशि आंवटित की है। सरकार ने इस बजट में जहां नायलॉन, ऑनलाइन रेल टिकट, सौर ऊर्जा उपकरण, डिब्बाबंद सब्जियां, नमक, जीवन रक्षक दवाइयां जैसी चीजें सस्ती हुई हैं, वहीं सिगरेट, सिगार, बीड़ी, तंबाकू, एलईडी बल्ब, पान मसाला, मोबाइल फोन जैसे प्रोडक्ट्स महंगे हुए हैं।