मरा नहीं जिंदा है तेज बहादुर, पत्नी ने खोला वायरल तस्वीरों का असली सच

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नई दिल्ली: ‘रोटी की जंग’ छेड़ने वाले बीएसएफ के जवान तेज बहादुर की मौत की वायरल हो रही तस्वीर का असली सच सामने आ गया है। पत्नी ने इसे लेकर बड़ा खुलासा किया। बुधवार से सोशल मीडिया पर एक जवान के शव की तस्वीर वायरल हो रही है, जो तेजबहादुर की बताई जा रही है। इस तस्वीर ने देश भर में तहलका मचा दिया है, जबकि सच तो कुछ और ही निकला।
जब इस बारे में तेज बहादुर की पत्नी शर्मिला से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें भी जब इस फोटो का पता लगा तो परिवार सकते में आ गया। उसके बाद फोन पर तेज बहादुर से बात करने पर ही उनकी जान में जान आई। बुधवार से सोशल मीडिया पर एक जवान के शव की तस्वीर वायरल हो रही है, जो तेजबहादुर की बताई जा रही है। इस तस्वीर ने देश भर में तहलका मचा दिया है, जबकि सच तो कुछ और ही निकला।
जब इस बारे में तेज बहादुर की पत्नी शर्मिला से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें भी जब इस फोटो का पता लगा तो परिवार सकते में आ गया। उसके बाद फोन पर तेज बहादुर से बात करने पर ही उनकी जान में जान आई। शर्मिला ने कहा कि वायरल हो रही तस्वीर उनके पति की नहीं है। फोटो देखने के बाद उनसे बात हुई है, वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं। यह तस्वीर एक अफवाह है और जिस किसी ने भी यह काम किया, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। बीएसएफ ने सफाई देते हुए कहा कि तेज बहादुर यादव ठीक है और जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में तैनात हैं। वायरल हो रही फोटो तेजबहादुर की नहीं है।
बता दें ‘कनाडा दे पंजाबी’ नामक फेसबुक पेज पर यह तस्वीर अपलोड की गई। यह एक मृत जवान की तस्वीर है। इस तस्वीर के साथ पंजाबी में कुछ लाइनें लिखीं गई- भारत में कोई भी अपनी जुबान नहीं खोलेगा। इन्होंने हमारे फौजी भाई को मरवा दिया। वाहेगुरु उसकी आत्मा को शांति दे। अपना फर्ज समझ कर इसे ज़्यादा से शेयर करें, ताकि मीडिया तक पहुंच सके।
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जैसे ही तस्वीर वायरल हुई, बीएसएफ और तेजबहादुर के परिवार में खलबली मच गई। इसके बाद शुरू हुआ सफाई देने का सिलसिला। पत्नी से बात की गई। बीएसएफ ने भी सफाई दी। इस बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने भी ट्वीट किया। फिर पता चला कि ये तस्वीर 11 मार्च को सुकमा में मारे गए 12 जवानों में से किसी एक जवान की है, जिसका चेहरा तेजबहादुर से मिलता जुलता है।
गौरतलब है कि बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव ने नौ जनवरी को फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया था। वीडियो में उसने जवानों को दिया जाने वाला खाना दिखाया था। यादव ने दाल में केवल हल्दी और नमक होने का दावा किया था। उसने साथ ही कहा था कि उन्हें जली हुई रोटी दी जाती है। उसने कहा था कि कई स्थानों पर इस प्रकार का खाना दिया जाता है और कई बार जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है।
वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और बीएसएफ से मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। इस बीच तेजबहादुर ने वीआरएस के लिए अप्लाई किया था, जिसे स्वीकार नहीं किया गया। बल्कि उन्हें निर्देश दिया गया कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, वे बीएसएफ नहीं छोड़ सकते। आजकल तेजबहादुर एलओसी पर तैनात है और उसे प्लम्बर का काम दिया गया है।

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