सच बोलने की सजा, BSF जवान तेज बहादुर को प्लंबर का काम मिला

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BSF जवान तेज बहादुर का घटिया खाने को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। जिसके बाद जांच की गई तो अधिकारियों ने यादव पर कई मामलों में अनुशासनात्‍मक कार्रवाई के आरोप लगा दिए। इन सब के बीच खबर आई है कि तेज बहादुर को दूसरी यूनिट में ट्रांसफर कर दिया गया, जहां उन्हें प्लंबर का काम दिया जाएगा।

बीएसएफ की तरफ से कहा गया है कि ड्यूटी के दौरान मोबाइल का इस्तेमान करने के कारण उनपर ये कार्रवाई की गई है। नियमों के मुताबिक, ड्यूटी करते वक्त कोई भी जवान फोन का इस्तेमान नहीं कर सकता। कहा जा रहा है कि तेज बहादुर पहले भी प्लंबर का काम कर चुके हैं। इस बीच सवाल ये उठता है कि सच बोलने पर क्या इस तरह की कारवाई सही है या नहीं..? क्या जवान को सच बोलने की सज़ा दी गई है?

तेज की पत्नी ने उठाए सवाल-

  • कैग ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि पाक-चीन बॉर्डर पर खराब खाना मिलता है।
  • बाद में तेज बहादुर ने मीडिया को बताया कि उसे प्लम्बर की ड्यूटी सौंपी गई है। इसके साथ ही मेस कमांडर को भी हटा दिया गया है।
  • उधर, मंगलवार को बीएसएफ के राशन पर सवाल उठाने वाले कॉन्स्टेबल तेज बहादुर यादव को एलओसी से हटाकर हेडक्वार्टर भेज दिया गया है।
  • वहीं, जवान के बेटे ने रोहित का कहना है- “खाने की मांग करने में क्या गलत है? हमें न्याय मिलना चाहिए।”
  • तेज बहादुर की वाइफ शर्मिला ने न्यूज एजेंसी से कहा- “क्या रोटी की मांग करना गलत है? हमें न्याय मिलना चाहिए।”
वीडियो बनाने वाले तेज बहादुर यादव ने एक मीडिया चैनल को दिए जवाब में कहा , “जहां मैं रहता हूं मैने वहां के कमांडेंट को इस बारे में सूचित किया था, लेकिन जब कोई एक्शन नहीं हुआ तब जाकर मैने वीडियो के जरिए सच्चाई दिखाने का फैसला लिया।” अपने करियर पर उठाए गए सवालों के जवाब में जवान ने कहा कि आरोप लगाने वालों से यह भी पूछा जाए कि अगर मैं इतना ही गलत था तो क्यों उन्हें अवार्ड दिए गए। तेज बहादुर ने बताया कि उन्हें 16 बार सम्मानित किया जा चुका है और एक बार वह गोल्ड मेडल भी जीत चुके हैं। हालांकि उन्होंने माना कि करियर में उन्होंने कुछ गलतिया कीं, लेकिन फिर वह उनमें सुधार भी कर चुके हैं।

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