हनुमानगढ़। सद्भावना विकास समिति द्वारा रक्त की कमी को देखते हुए टाउन सहारण ब्लड़ बैक में विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर के मुख्य अतिथि सबसे अधिक रक्तदान शिविर का आयोजन करने वाले रक्तदाता अमरसिंह नायक श्योदानपुरा, विशिष्ट अतिथि बीकानेर संभाग की महिला उत्पीड़न आयोग की अध्यक्ष विनोद राठौड़ थे। शिविर में आमजन ने उत्साह से भाग लेते हुए रक्तदान किया। उक्त शिविर में विशेष बात यह रही कि आयोजन समिति के सचिव विजय खत्री ने अपनी बेटी गुंजन खत्री के 19 वें जन्मदिवस पर सभी रक्तदाताओं को दीवार घड़ी व ब्लड़ मैन ऑफ इंडिया की ख्याती प्राप्त अमरसिंह नायक को ट्रैक सूट व एक नई साईकिल उपहार स्वरूप दी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सचिव विजय खत्री ने बताया कि अमरसिंह नायक अब तक अनेकों जिन्दगीयों को बचाते हुए 415 बार रक्तदान कर चुके है और निरन्तर अभी रक्तदान कर रहे है साथ ही 100 से अधिक बार रक्तदान शिविरों का आयोजन कर चुके है। उन्होने बताया कि उक्त शिविर का मुख्य उद्देश्य जिला मुख्यालय रक्त की जरूरत को समझते हुए किया गया है। उक्त रक्तदान शिविर में 70 यूनिट रक्तसंग्रह किया गया। अमरसिंह नायक ने सद्भावना विकास समिति की सराहना करते हुए कहा कि रक्तदान से स्वास्थ्य पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ता हां यह जरुरी है कि रक्तदान करने वाला व्यक्ति स्वस्थ्य हो। एक बार रक्तदान करने के बाद या तो 3 या फिर 6 महीने बाद व्यक्ति दोबारा रक्तदान कर सकता है क्योंकि रक्तदान के 24 से 48 घण्टे के अंदर हमारे शरीर में खून बनना तो प्रारम्भ हो जाता है लेकिन रेड सेल्स (लाल रुधिर रक्त कणिकाएं) बनने में 3 महीने का वक्त लगता है इसलिए दोबारा 3 महीने के बाद आवश्यकता पडऩे पर रक्तदान किया जा सकता है। 18 वर्ष से ऊपर का कोई भी स्वस्थ्य व्यक्ति अपना रक्तदान कर सकता है। स्वस्थ्य व्यक्ति से तात्पर्य रक्तदान करने वाले व्यक्ति का वजन उसका हीमोग्लोबिन ब्लड प्रेशर(रक्तचाप) आदि सामान्य होना चाहिए। इस मौके पर समिति अध्यक्ष मनीष बब्बर, बाल कल्याण समिति सदस्य अनुराधा सहारण, फुडग्रेन मर्चेन्टस एसोसिएशन के उपाध्यक्ष संतराम जिन्दल, सचिव विजय गर्ग, डॉ. नीलम गौड़, कृष्ण झाझडिया, शंशिकात शर्मा, प्रदीप शर्मा, राजीव मिश्रा, डॉ. प्रदीप सहारण, पवन गर्ग, रविन्द्र चाहर पीरकामडिया, बीएन सिद्ध, युधिष्ठर गक्खड़, राजकुमार चौधरी, राजेन्द्र भगत, चन्द्रप्रकाश, मोहित बलाडिया व अन्य शहरवासी मौजूद थे।
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