खेजड़ी के पेड़ काटने पर बिश्नोई समाज ने जताया विरोध

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ठेकेदार फर्म के खिलाफ की मुकदमा दर्ज करने की मांग
हनुमानगढ़। न्यायालय परिसर में शुरू होने वाली फैमिली कोर्ट व एससी कोर्ट के लिए चल रहे भवन निर्माण कार्य के दौरान खेजड़ी के हरे पेड़ काटने से बिश्नोई समाज में आक्रोश फैल गया। गुरुवार को बिश्नोई समाज के नागरिकों ने निर्माण स्थल पर एकत्रित होकर पेड़ काटने पर कड़ा विरोध जताते हुए निर्माण कार्य करवा रही कंपनी के खिलाफ कार्रवाही की मांग की। एडवोकेट रामकुमार बिश्नोई ने बताया कि अशोक गहलोत ने 2009 में दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के पश्चात  हरित राजस्थान का नारा दिया था। तब मुख्यमंत्री के आदेशों की पालना में पूरे राजस्थान में बिश्नोई समाज की ओर से खेजड़ी के पेड़ लगाए गए थे ओर सरकार द्वारा खेजड़ी को राज्य वृक्ष घोषित किया था लेकिन जिला मुख्यालय पर स्थित न्यायालय परिसर में चल रहे भवन निर्माण कार्य के लिए संबंधित कंपनी ने खेजड़ी के करीब दो दर्जन पेड़ काट दिए हैं। करीब एक दर्जन पेड़ मिट्टी डालकर दबा दिए हैं जिसके कारण  बिश्नोई समाज में भारी रोष है। उन्होंने कहा कि बिश्नोई समाज का साढ़े पांच सौ वर्ष का इतिहास रहा है समाज की शहीद माता अमृतादेवी सहित 363 लोगों ने पेड़ों के लिए बलिदान दे दिया। उन्होंने कहा कि आज कोरोना काल में पूरे देश में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ है। ऐसे हालातों के बीच ऑक्सीजन प्रदान करने वाले उन पेड़ों पर ही कुल्हाड़ी चल रही है। वृक्षमित्र साहबराम बिश्नोई ने बताया कि खेजड़ी के पेड़ को बड़ा होने में 10 वर्ष तक का समय लगता है और पीपल की तरह ही खेजड़ी का पेड़ भी भरपूर ऑक्सीजन देता है उन्होने खेजड़ी का पेड़ काटने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सख्त कानून बनाने की मांग करते हुए निर्माण कार्य करवा रही कम्पनी के खिलाफ कार्यवाही करते हुए लाइसेंस निरस्त करने और इस सम्बंध में मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।सूचना मिलने पर सिटी थाना इंचार्ज मौकास्थल पर पहुंचे और कार्यवाही करने का आश्वाशन दिया।इस दौरान एडवोकेट रामकुमार बिश्नोई,ओम बिश्नोज,अनिल बिश्नोई,विनीत बिश्नोई, विकास झोरड़,आत्माराम भादू,राजेश सुथार, अनिल शर्मा आदि मौजूद थे

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