घुटनों तक भरे बदबूदार पानी के बीच शव यात्रा निकालने को मजबूर भील समाजजन

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संवाददाता भीलवाड़ा। जहां मानव अपने जीवन जीने हेतु विभिन्न जतन कर अपने जीवन की राह को सुगम बनाने के प्रयास में जुटा रहता है परंतु उसकी अंतिम राह जोकि श्मशान घाट में संपन्न होती है वह भी मुश्किलों भरी हो तो प्राय व्यवस्था पर सवालिया निशान लग जाता है। ऐसा ही एक माजरा कस्बे के भील समाज के एक वृद्ध के मृत्यु के पश्चात निकलने वाली शव यात्रा के दौरान देखने को मिला। जानकारी अनुसार कस्बे के कलिंजरी गेट निवासी मोहन लाल भील का बीती रात निधन होने के पश्चात सुबह अंतिम संस्कार हेतु रवाना हुई शवयात्रा को मार्ग में घुटनों तक भरे गंदे नाले के पानी से होकर गुजरना पड़ा। इस दौरान शव यात्रा में शामिल कई लोग बदबूदार पानी के कारण अपनी नाक बंद करते भी नजर आए। ऐसा नहीं है कि उक्त मार्ग की जानकारी स्थानीय प्रशासन व पालिका प्रशासन को नहीं है परंतु भील समाज के श्मशान घाट के मार्ग में भरे पानी को लेकर किसी भी प्रकार का इंतजाम आज तक नहीं किया जाना प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाता है। गरीब व अधिकांश मजदूरी करने वाले भील समाज के लिए सरकारी स्तर पर कई योजनाएं बनाई जाती है परंतु इस तरह की मूलभूत सुविधा को लेकर किसी भी प्रकार का कोई बंदोबस्त नहीं होने को लेकर शव यात्रा में शामिल लोगों ने प्रशासन को जमकर कोसा। जानकारी अनुसार कस्बे में जहाजपुर रोड के पास स्थित भील समाज के शमशान की चार दिवारी भी नहीं है जिसके कारण प्राय आसपास के खेत मालिकों द्वारा अतिक्रमण कर बाड़ाबंदी भी शमशान सीमा में ही कर दी जाती है, जिसको लेकर भील समाज व पास के खेत वालों के बीच खींचातानी देखने को मिलती रही है। उधर श्मशान घाट का रास्ता दिनों दिन बद से बदतर होता जा रहा है बरसात के दौर में इस मार्ग से घुटनों से भी ऊपर गंदे पानी से लोगों को गुजारना पड़ता है।

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