शाहपुरा शाहपुरा जिला मुख्यालय पर सदर बाजार स्थित श्री गोविन्द देव जी के मंदिर में बसंतोत्सव एवं ज्ञान की अधिष्ठात्रिदेवी सरस्वती माता का प्राक्टयोत्सव पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर ठाकुर जी महाराज का आकर्षक श्रृंगार किया गया। पुजारी पंडित महावीर प्रसाद शर्मा ने बसंतोत्सव की भूमिका बताते कहा कि भारत भूमि ही गौरवशालिनी है जहाँ प्रकृति अलग-अलग ऋतुओं में श्रृंगार करती है। हमारे शास्त्रों में 6ऋतुऐ बताई गई हैं, इनमें सबसे महत्वपूर्ण बसंत ऋतु है।बसंत को ऋतुराज कहा जाता है। इस ऋतु का शुभारंभ बसंत पंचमी के दिन होता है। इस दिन ज्ञान की अधिष्ठात्रिदेवी सरस्वती माता का प्राक्टय दिवस भी माना जाता है।
बसंत पंचमी परिवर्तन का प्रतीक है। अब तक पतझड़ ऋतु थी,वृक्षों के पुराने पत्ते झड गये और अब नये पत्ते प्रकृति का श्रृंगार करेंगे यह हमारे लिए इस बात का संकेत है कि जीवन मे निराशा नकारात्मकता अवसाद के पत्तों को जीवन वृक्ष से दूर करें और आनंद आशा प्रेम खुशियों के पत्तों से जीवन वृक्ष को लहलानेदे पल्लवित पुष्पित होने दे।इस अवसर पर भक्तजनों ने अवसरोचित भजन गाये।रंजना डोडिया मंजु शर्मा ने हंसवाहिनी सरस्वती माता की वंदना की।इस अवसर पर भक्त वर राधे श्याम झंवर द्वारका प्रसाद मूंदडा ओमप्रकाश तोषनीवाल अनिल डोडिया सत्य नारायण मूंदडा किशन गोपाल झंवर नंद लाल सोनी उपस्थित थे।श्री ठाकुर जी महाराज के केसरिया भात का भोग लगा कर प्रसाद वितरित किया गया।
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