बैंको को साफ निर्देशित किया कि किसानों की जमीन की कुर्की नही की जाएगी

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हनुमानगढ़। किसानों द्वारा कर्ज में दबकर आत्महत्या के मामले पूरे प्रदेश में सामने आ रहे हैं। इसका मुख्य कारण किसानों को कर्ज के कारण मानसिक तनाव होना देखा गया है। जिसके कारण प्रदेश सरकार ने किसानों के कर्ज पर बैंको को साफ निर्देशित किया गया है कि किसानों की जमीन की कुर्की नही की जाएगी, परंतु फिर भी बैंक अपनी मनमानी करते हुए किसानों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए उनके घरों के आगे ढोल बजाकर उन्हें पूरे गांव में जलील करने का काम कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला हनुमानगढ़ के दूधवाली ढाणी में देखा गया, जहां मरुधरा ग्रामीण बैंक के प्रतिनिधियों ने दूधवाली ढाणी के किसान कालूराम नायक के घर के आगे ढोल बजाकर उन्हें बैंक का कर्ज चुकाने के लिए प्रताड़ित किया गया व साथ ही डीआरटी कोर्ट के नाम से धमकाया भी किया। किसानों ने हनुमान खारडूं अराईयावाली के नेतृत्व में सीपीआईएम के किसान नेता मंगेज चौधरी से मुलाकात कर उन्हें उक्त मामले की पूरी जानकारी दी।

किसान नेता मंगेज चौधरी ने तुरंत प्रभाव से शाखा प्रबंधक विक्रांत से दूरभाष से बात करते हुए कहा कि हनुमानगढ़ में किसान कर्ज के चलते किसी भी किसान की जमीन की कुर्की नहीं निकली गई है और डीआरटी कोर्ट के भी कोई ऐसे निर्देश नहीं है जिससे बैंक कर्मी किसान के घर के आगे जाकर ढोल बजाकर उसे जलील करे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर बैंक द्वारा भविष्य में ऐसी कोई भी हरकत कर किसानों को मानसिक प्रताड़ना दी गई तो उग्र आंदोलन होगा और बैंक कर्मियों के खिलाफ भी मोर्चा खोला जाएगा। हनुमान खारडूं अराईयावाली ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार एक और किसान हितेषी होने के बड़े-बड़े झूठे वायदे करती है और दूसरी और किसानों को आत्महत्या करने पर मजबूर कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रतिदिन अनेकों किसान कर्ज के चलते और सरकार एवं बैंकों द्वारा दी गई मानसिक प्रताड़ना के चलते आत्महत्या कर रहे है। उन्होंने कहा कि उक्त मामले में आंदोलन किसान नेता मंगेज चौधरी के नेतृत्व में जिला एवं प्रदेश स्तर पर किया जाएगा और बैंकों की मनमानी पर भी रोक लगाई जाएगी।

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