बैंकों में आज सिर्फ बुजुर्गों की एंट्री, कुछ बैंक अपने ग्राहकों को भी देंगे सुविधा

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शनिवार को बैंकों में पुराने 500 और 1000 के नोट नहीं बदले जाएंगे। इंडियन बैंक एसोसिएशन ने ऐलान किया है कि शनिवार को केवल बुजुर्ग बैंक में आकर पुराने नोट बदल सकेंगे, यानी बुजुर्गों के लिए बैंक आज खुले रहेंगे और बाकी लोगों के लिए बंद।

आईबीए के चेयरमैन राजीव ऋषि ने संवाददाताओं से कहा, ‘इन सभी दिनों हमारे ग्राहकों को परेशानी झेलनी पड़ी क्योंकि हम उनका काम नहीं कर सके। ऐसे में कई शाखाओं में हमारे मौजूदा ग्राहकों का काम अटका हुआ है। आईबीए में हमने तय किया है कि शनिवार को सिर्फ विशिष्ट रूप से अपने ग्राहकों के लिए काम करेंगे। इसलिए बाहर के ग्राहकों के नोट नहीं बदले जाएंगे।’

हालांकि, इस मामले में वरिष्ठ नागरिकों को छूट दी गई है। वे किसी भी बैंक शाखा में नोट बदलवा सकते हैं। ऋषि ने कहा कि आईबीए का यह निर्णय सिर्फ शनिवार के लिए है। सोमवार से सभी ग्राहकों को किसी भी बैंक शाखा से नोट बदलने की अनुमति होगी।  उन्होंने बताया कि जबसे बैंकों ने ग्राहकों की उंगली पर निशान के लिए अमिट स्याही का इस्तेमाल शुरू किया है, कतारें घटने लगी हैं।

क्यों लिया ये फैसला-

दरअसल पिछले दिनों बुजुर्गों को लाइन में खड़े होने को लेकर लगातार सवाल खड़े किए जा रहे थे, लंबी लाइनें होने की वजह से बुजुर्गों को नोट बदलने में दिक्कतें आ रही थी। हालांकि सरकार ने बैंकों को सीनियर सिटीजंस के लिए अलग से लाइन की व्यवस्था

अन्ना ने की तारिफ:

समाजसेवी अन्ना हजारे ने फैसले की सराहना करते हुए कहा कि ये अच्छा कदम है। इससे पूरी तरह से कालाधन खत्म नहीं होगा, लेकिन निश्चित रूप से कुछ हद तक लगाम लगेगी। अभी लोगों को परेशानी हो रही है, लेकिन भविष्य में इसका असर दिखाई देगा।

वित्त मंत्रालय का सख्त आदेश:

कालेधन को किसी अन्य व्यक्ति के बैंक अकाउंट में जमा करने पर उस बैंक धारक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसके अकाउंट में पैसे जमा किए गए हैं। वित्त मंत्रालय ने इस बाबत सख्त निर्देश जारी किया है। बैंक अकाउंट होल्डर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।

आयकर अधिनियम के तहत अपने बैंक खातों के दुरुपयोग की अनु‍मति देने वालों पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा. सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे काले धन को परिवर्तित करने वालों के लालच में न आएं और इस तरीके से कालेधन को सफेद करने के अपराध में भागीदार न बनें और इसे समाप्‍त करने में सरकार से जुड़कर उसकी मदद करें।