दिव्यांगों कि सेवा ही सबसे बड़ा पूण्य- प्रवीण जीनगर
शाहपुरा-दिव्यांगों को दया नहीं अधिकार चाहिए जिससे उन्हें संबल मिल सके, साथ ही दिव्यांगों की आत्मनिर्भरता में समाज, परिवार एवं प्रशासन की भूमिका महत्वपूर्ण है, दिव्यांग कोई अभिशाप नहीं, न कोई सजा है, वास्तविकता यह है कि इस दुनिया में कोई परिपूर्ण नहीं है, कोई न कोई कमी हर इंसान में है, कुछ में नजर आ जाती है तो कुछ में छिपी हुई रहती है । अपनी कमियों को समझ कर उस पर विजय पाना ही हर आदमी का लक्ष्य होना चाहिए । यह बात मांडलगढ़ तहसील के राजकीय प्राथमिक विद्यालय धामनिया में उम्मीद हेल्पलाइन फाउंडेशन जयपुर के सहयोग से नवजीवन दिव्यांग सेवा समिति द्वारा आयोजित शिविर में मुख्य अतिथि पद सम्बोधित करते हुए भारतीय डाक विभाग भीलवाड़ा के इस्पेक्टर प्रवीण जीनगर ने दिव्यांगों को वैशाखी वितरण कार्यक्रम में कही । उन्होंने कहा की दिव्यागों कि सेवा ही सबसे बड़ा पूण्य है। वही कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व प्रधान कन्हैया लाल जाट ने कहा कि दिव्यांग जनों को सशक्त बनाने के लिए हमें उनके अंदर छुपी हुई प्रतिभा को पहचानना होगा तथा उनकी क्षमता के अनुरूप उसे निखारना ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए । कार्यक्रम का प्रतिवेदन समिति के संयोजक डालचंद बलाई समिति के अध्यक्ष प्रदीप वैष्णव ने प्रस्तुत किया । वही कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंस की पालना करते हुए दिव्यांगों को वैशाखी व स्टीक वितरण की गई । कार्यक्रम में उपसरपंच भवानी शंकर शर्मा, पंचायत समिति सदस्य मनीष मेघवंशी, पूर्व उपसरपंच शंभू नाथ योगी, जिला कांग्रेस सचिव जितेंद्र मूंदड़ा, समिति संयोजक डालचंद बलाई प्रधानाध्यापक मोहम्मद साबिर रंगरेज पंकज त्रिवेदी मदनलाल वैष्णव, सचिव विकास कास्ट मोहन लाल मीणा शंकर नाथ योगी सहित आदि अतिथियों ने भाग लिया । काछोला मधुपुरिया गणेशपुरा जगपुरा सहित आदि गांव के दिव्यांगों ने भाग लिया।