अयोध्या मामले में रामलला की जीत, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

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नई दिल्ली: अयोध्या के विवादित स्थल को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला थोड़ी देर में आने वाला है. पूरी दुनिया की नजर अयोध्या पर है कि वहां क्या माहौल है? अयोध्या में शांति है या लोग बेचैन हैं? प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर की संविधान पीठ सुबह साढ़े दस बजे से अपना फैसला पढ़ना शुरू कर चुकी है।

संविधान पीठ का फैसला

  • अयोध्या में मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन दी जाए- सुप्रीम कोर्ट
  • मंदिर निर्माण का फैसला केंद्र सरकार को दिया, 3 महीने में ट्रस्ट बनाए- सुप्रीम कोर्ट
  • इस बात के सबूत हैं कि अंग्रेजों के आने के पहले से राम चबूतरा और सीता रसोई की हिंदू पूजा करते थे। रेकॉर्ड्स के सबूत बताते हैं कि विवादित जमीन के बाहरी हिस्से में हिंदुओं का कब्जा था: सुप्रीम कोर्ट
  • बाबरी मस्जिद का निर्माण खाली जगह पर हुआ था, जमीन के नीचे का ढांचा इस्लामिक नहीं था। ASI के निष्कर्षों से साबित हुआ कि नष्ट किए गए ढांचे के नीचे मंदिर था: सुप्रीम कोर्ट (PTI)
  • हिंदुओं की यह आस्था और उनका यह विश्वास की भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था, यह निर्विवाद है: सुप्रीम कोर्ट
  • चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा- मीर बकी ने बाबरी मस्जिद बनवाई। धर्मशास्त्र में प्रवेश करना अदालत के लिए उचित नहीं होगा।
  • चीफ जस्टिस ने कहा- हम सर्वसम्मति से फैसला सुना रहे हैं। इस अदालत को धर्म और श्रद्धालुओं की आस्था को स्वीकार करना चाहिए। अदालत को संतुलन बनाए रखना चाहिए।
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा- विवादित जमीन रेवेन्यू रिकॉर्ड में सरकारी जमीन के तौर पर चिह्नित थी। शिया वक्फ बोर्ड का दावा विवादित ढांचे पर था। इसी को खारिज किया गया है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा- राम जन्मभूमि स्थान न्यायिक व्यक्ति नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज किया। निर्मोही अखाड़े ने जन्मभूमि के प्रबंधन का अधिकार मांगा था।
  • चीफ जस्टिस ने कहा- विवादित ढांचा इस्लामिक मूल का ढांचा नहीं था। लेकिन आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में यह नहीं कहा था कि मस्जिद बनाने के लिए मंदिर को ढहाया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने राजनैतिक, धार्मिक और सामाजिक रूप से संवेदनशील इस मुकदमें की 40 दिन तक मैराथन सुनवाई करने के बाद गत 16 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। देश के संवेदनशील मामले में फैसले को देखते हुए देशभर में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। आपको बता दें कि अयोध्या में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अभी अयोध्या में पंचकोसी और चौदहकोसी परिक्रमा चल रही थी। कार्तिक मेले के चलते अल्पवास करने के लिए करीब 20 लाख लोग अयोध्या में आए थे। जिनमें से करीब 80 फीसदी लोग जा चुके हैं।

पीएम मोदी का संदेश-
फैसले से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया था- अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा। देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे।

अयोध्या विवाद : 1526 से अब तक 

1526 : इतिहासकारों के मुताबिक, बाबर इब्राहिम लोदी से जंग लड़ने 1526 में भारत आया था। बाबर के सूबेदार मीरबाकी ने 1528 में अयोध्या में मस्जिद बनवाई। बाबर के सम्मान में इसे बाबरी मस्जिद नाम दिया गया।
1853 : अवध के नवाब वाजिद अली शाह के समय पहली बार अयोध्या में साम्प्रदायिक हिंसा भड़की। हिंदू समुदाय ने कहा कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई।
1949 : विवादित स्थल पर सेंट्रल डोम के नीचे रामलला की मूर्ति स्थापित की गई।
1950 : हिंदू महासभा के वकील गोपाल विशारद ने फैजाबाद जिला अदालत में अर्जी दाखिल कर रामलला की मूर्ति की पूजा का अधिकार देने की मांग की।
1959 : निर्मोही अखाड़े ने विवादित स्थल पर मालिकाना हक जताया।
1961 : सुन्नी वक्फ बोर्ड (सेंट्रल) ने मूर्ति स्थापित किए जाने के खिलाफ कोर्ट में अर्जी लगाई और मस्जिद व आसपास की जमीन पर अपना हक जताया।
1981 : उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने जमीन के मालिकाना हक के लिए मुकदमा दायर किया।
1885 : फैजाबाद की जिला अदालत ने राम चबूतरे पर छतरी लगाने की महंत रघुबीर दास की अर्जी ठुकराई।
1989 : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित स्थल पर यथास्थिति बरकरार रखने को कहा।
1992 : अयोध्या में विवादित ढांचा ढहा दिया गया।
2002 : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित ढांचे वाली जमीन के मालिकाना हक को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की।
2010 : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2:1 से फैसला दिया और विवादित स्थल को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच तीन हिस्सों में बराबर बांट दिया।
2011 : सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई।
2016 : सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण की इजाजत मांगी।
2018 : सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद को लेकर दाखिल विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की।
6 अगस्त 2019 : सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर हिंदू और मुस्लिम पक्ष की अपीलों पर सुनवाई शुरू की।
16 अक्टूबर 2019 : सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई पूरी हुई।

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